पाटना के गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने चार दोषियों की मृत्युदंड की सजा को 30 साल के कारावास में बदल दिया है । यह धमाका गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान हुए थे।
पटना के उच्य न्यायलय ने दिया बड़ा फैसला
पटना उच्च न्यायालय में 2014 में पटना के गांधी मैदान में हुए सिलसिले बार बम धमाके के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय चार दोषियों की मृत्युदंड की सजा को 30 साल के कारावास में बदल दिया है यह धमाका गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान हुए थे।
चार आरोपियों के मृत्युदंड को बदला
नवंबर 2021 में, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने इस मामले में कुल नौ दोषियों को विभिन्न सजा सुनाई थी। इनमें चार दोषियों को मृत्युदंड, दो को आजीवन कारावास, दो को 10 साल की कैद, और एक को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
2013 में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए थे धमाके
2013 में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान पटना में लगभग 6 धमाके हुए थे इन धमाकों की शोर इतना था कि लोगों की रूह तक काम गई थी पहला धमाका पटना रेलवे स्टेशन पर हुआ जबकि बाकी धमाके गांधी मैदान और उसके आसपास के क्षेत्र में हुए थे इन क्षेत्रों के लोगों के जीवन में एक बड़ा तूफान आ गया था इन धमाकों ने कुछ छह लोगों की जान ली थी और कई लोग घायल हुए थे घायलों के परिवारों को यह संतोष था कि उनके परिवार वाले जिंदा तो हैं लेकिन जिनकी मौत हुई थी उनका परिवार पूरी तरीके से टूट गया था।
पटना उच्च न्यायालय के खंडपीठ ने बुधवार को दिया निर्णय
एनआईए के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ पीटीआई भाषा से बातचीत में बताएं कि पटना उच्च न्यायालय के खंडपीठ ने बुधवार को चार दोषियों की मौत की सजा को 30 साल की कारवास में बदल दिया है और दो और दोषियों के जीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है पर सोचने वाली यह बात है कि क्या अदालत का यह निर्णय सही है इस फैसले के बाद दोषियों को 30 साल का कारावास में रहना होगा जो उन्हें उन लोगों के दर्द का एहसास कराएगा जो लोग अपने परिवार वालों से जुदा होकर अपनी जिंदगी जी रहे हैं।