जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में रविवार रात हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) ने ली है। सूत्रों के मुताबिक, इस हमले का मास्टरमाइंड TRF का प्रमुख शेख सज्जाद गुल है।
Jammu and Kashmir: 6 मजदूरों की मौत,सर्च ऑपरेशन जारी
गादर बल के गगन गीर नेशनल हाईवे की टनल कंस्ट्रक्शन साइट पर आतंकियों ने फायरिंग की। इस हमले में बड़गांव के डॉक्टर शाहनवाज मीर और पंजाब बिहार के 6 मजदूरों की मौत हो गई। हमले के बाद गादर बल और गगन गिर के जंगलों में रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया गया जो अभी भी जारी है। सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी मौके पर पहुंच चुकी हैं।
Jammu and Kashmir: मजदूरों को निशाना बनाया गया
सूत्रों के अनुसार, हमले में दो तीन आतंकवादी शामिल थे जिन्होंने पिछले 1 महीने से कंस्ट्रक्शन साइट की रेकी की थी इसके चलते हुए हमले के तुरंत बाद भागने में सफल रहे। जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार, हमले में बड़गांव के डॉक्टर शाहनवाज नीड और पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह सहित कई मजदूर की हत्या की गई। यह सभी केंद्र सरकार के टनल प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे।
Jammu and Kashmir: बारामूला में एक आतंकवादी ढेर
गंदर बल के हमले के बाद 50 किलोमीटर दूर बारामूला में सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है उसके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं लेकिन इसका ग़दर बल से कोई संबंध नहीं मिला है। जांच में यह सामने आया है की इन्होने अपनी रणनीति बदल दी है। पिछले डेढ़ साल में TRF ने अपनी रणनीति बदल दी है मलिए। पहले यह कश्मीर पंडितों को निशाना बनाता था, लेकिन अब यह गैर कश्मीरी और सिखों को भी अपना लक्ष्य बना रहा है। हाल में ही शॉपीयाँ में भी एक बिहार की मजदूर की हत्या की गई थी।
Jammu and Kashmir: नेताओं की प्रतिक्रिया
अमित शाह: इस हमले में शामिल लोगों को सख्त सजा दी जाएगी मृतकों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
राहुल गांधी: यह हमला कायरता पूर्ण है और उसका मुकाबला पूरी ताकत से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री उमर : गैर स्थानीय मजदूरों पर हमला बहुत दुखद है और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।
Jammu and Kashmir: TRF की पहचान और मकसद
TRF को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है और यह लश्कर तैयार द्वारा स्थापित किया गया है। 2019 में धारा 370 हटाने के बाद यह संगठन अधिक सक्रिय हो गया। TRF का मुख्य उद्देश्य कश्मीरी पंडित प्रवासी कामगारों और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाना है ताकि अस्थिरता फैलाई जा सके।