झारखंड में चुनावी घमासान: एनडीए और इंडिया का हर सीट पर कड़ा मुकाबला

Jharkhand Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए और ‘इंडिया’ ने सीट दर सीट अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। चुनावी मैदान में दोनों संगठन अपनी-अपनी टैक्टर को आजमाने के लिए तैयार हैं। दिवाली के बाद चुनावी माहौल और भी आक्रामक होगा और इस बार संसाधन की भरपूर बौछार होने की उम्मीद है। एनडीए इस मोर्चे को मजबूत दिख रहा है, जबकि इंडिया अपनी योजनाओं और केंद्र सरकार की बेरुखी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।

Jharkhand Election 2024: त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय संघर्ष की संभावना

राज्य की 14 सीटों पर त्रिकोणीय और दो सीटों पर चतुष्कोणीय संघर्ष की स्थिति बनती दिख रही है। बाकी 65 सीटों पर एनडीए और इंडिया आमने-सामने होगा। सुरक्षित सीटों पर झामुमो का दबदबा है जैसे की 2019 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था, ज़ब झामुमो और कांग्रेस ने अधिकांश सिटें जीती थी। भाजपा और आजसु का गठबंधन जब बढ़ता है तो दोनों का नुकसान होता है, वही एकजुट रहने पर दोनों का फायदा होता है यही स्थिति कांग्रेस और झामुम के बीच भी बनती है।

Jharkhand Election 2024: चुनावी युद्ध की योजना

झारखंड विधानसभा चुनाव में लड़ाई शुरू हो चुकी है। 81 विधानसभा क्षेत्रों में दोनों पक्षों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अब दोनों पक्षों के नेता चुनावी मंच पर बातचीत करने को तैयार हैं। झारखंड की बड़ी जनता यह संघर्ष चलाएगी। 13 नवंबर को पहली चरण का मतदान होगा, और 20 नवंबर को परिणाम जारी किए जाएंगे।

Jharkhand Election 2024: “इंडिया” की चाल:

योजनाओं को प्रसारित करना “इंडिया” गठबंधन के पास मंईयां योजना जैसे महत्वपूर्ण हथियार हैं, और हेमंत सोरेन इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण चेहरा होगा। तेजस्वी, कल्पना सोरेन और अन्य नेता भी इस अभियान में उनके साथ हैं। “इंडिया” केंद्रीय सरकार की वादाखिलाफी और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का प्रचार कर रहा है। इनके प्रचार के मुख्य मुद्दे हैं मंईयां, सर्वजन पेंशन, और बिजली बिल माफी।

Jharkhand Election 2024: एनडीए की शक्ति:

मोदी का व्यक्तित्व एनडीए अपने चुनावी प्रचार में प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे और केंद्र की योजनाओं को अपनी ताकत के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। शिवराज और हिमंता बिस्वा सरमा इसके सेनापति हैं। इस गठबंधन के प्रमुख चेहरे बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और अन्य होंगे। एनडीए भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बांग्लादेशी घुसपैठ और पलायन को मुद्दा बनाए रखेगा।

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