Sharda Sinha: बिहार की प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में निधन हो गया है। छठ पर्व के गीतों के लिए मशहूर शारदा सिन्हा ने रात करीब 10:00 बजे आखिरी सांस ली। उनका पार्थिव शरीर आज पटना लाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा उनके निधन से उनके प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है।
Sharda Sinha: छठ पर्व के पहले दिन दुनिया को अलविदा
शारदा सिन्हा का निधन छठ पर्व के पहले दिन ‘नहाय-खाय’ के दिन हुआ, ‘ जिससे उनके चाहने वाले और भी भावुक हो गए। शारदा जी ने अपने जीवन में छठ के कई अमर जीत गए, जो इस पर्व के साथ जुड़ी लोगों की भावनाओं को प्रकट करते हैं। उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव जैसे बड़े-बड़े नेताओं ने शोक जाताया हैं।
Sharda Sinha: विदाई गीत से लेकर विवाह गीत तक अनगिनत अमर गीतों की सौगात
शारदा सिन्हा ने छठ पर्व के अलावा विदाई और विवाह गीतों में भी अपनी आवाज का जादू बिखरा। उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से बिहार और देश की लोक संस्कृति को फिर से जीवित कर दिया। ऐसे कम ही गायक होते हैं जो इतनी सशक्त और विविध लोक संस्कृति को इतनी खूबसूरत अंदाज में प्रस्तुत कर पाते हैं और शारदा जी उन्ही में से एक हैं।
Sharda Sinha: 11:00 पटना पहुंचेगी पार्थिव शरीर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिए हैं की शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को विमान से पटना लाया जाए जो आज सुबह 11:00 पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने जिला अधिकारी को भी आदेश दिया है कि उनके अंतिम संस्कार की सभी व्यवस्था राजकीय सम्मान के साथ की जाए।
Sharda Sinha: महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी शारदा सिन्हा
पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का व्यक्तित्व महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत रहा है। जिस दौर में महिलाएं संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने से हिचकिचाती थीं, उसे समय शारदा सिन्हा ने अपने पारंपरिक भोजपुरी और मैथिली गीतों के माध्यम से समाज में अपनी जगह बनाई और अन्य महिलाओं को भी इस क्षेत्र में आगे आने का साहस दिया।
Sharda Sinha: संगीत की दुनिया में अमर हो चुकी है उनकी आवाज
बेगूसराय जिले के सीहमां गांव से निकली शारदा सिन्हा की संगीत यात्रा 1971 में आकाशवाणी से शुरू होकर सोशल मीडिया तक फैल चुकी है। टी-सीरीज, एचएमवी और टिप्स जैसी कंपनियों से उनके 9 एलबम जारी हुए हैं जिनमें छठ के कई लोकप्रिय गीत शामिल है। आज उनके गीत न सिर्फ बिहार और भारत में बल्कि दुनिया भर में छठ पर्व की पहचान बन चुके हैं।