Gandak Mega Bridge: केंद्र सरकार ने बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। गड़क नदी पर 10.5 किलोमीटर लंबा फोर लेन पोल बनाने की मंजूरी दी गई है। यह पल पश्चिम चंपारण जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 727 एए ( भूतिया-पीपराघाट-शेवराही ) पर बनाया जाएगा।
Gandak Mega Bridge: 3 हजार करोड रुपए होगा खर्च
इस पुल के निर्माण पर 3 हजार करोड रुपए की भारी लागत आएगी। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। जमीन अधिग्रहण के लिए जरूरी 3-डी अधिसूचना भी जल्द जारी की जाएगी, जिससे निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी।
Gandak Mega Bridge: गड़क नदी पर बनेगा 11 वां पुल
गड़क नदी पश्चिमी चंपारण के भैसालोटन (नेपाल ) के सारण जिले के सोनपुर तक 260 किलोमीटर तक बहती है। इस नदी पर यह 11वां पुल होगा। यह पुल मनुआपुल से यूपी के पिपराघाट के बीच नदी की दो धाराओं पर बनेगा। इस पुल के बनने से क्षेत्र में यातायात की सुविधा में सुधार होगा।
बेतिया से गोरखपुर-कुशीनगर कें सफर में होगी बचत
पुल बनाने के बाद बेतिया से गोरखपुर और कुशीनगर से दूरी काफी कम हो जाएगी। वर्तमान में बेतिया से गोरखपुर की दूरी 160 किलोमीटर है, जाकर बनते ही 125 किलोमीटर रह जाएगी। वही, कुशीनगर की दूरी 103 किलोमीटर से कटकर मात्र 73 किलोमीटर कम रह जाएगी।
किसानों और व्यापारियों को मिलेगा फायदा
यह पुल सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम नहीं करेगा, बल्कि व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी रफ्तार देगा।किसानों और व्यापारियों को अपने उत्पाद को यूपी और बिहार के विभिन्न हिस्सों में भेजने में आसानी होगी। गोरखपुर और कुशीनगर जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंचने में आसानी होगी जिससे क्षेत्र में पर्यटन भी बढ़ेगा। यह पल दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा।
जनता के लिए बड़ी रहत
स्कूल से बिहार और यूपी के लोगों का एक नया और आसान रास्ता मिलेगा। यह न केवल समय की बजट करेगा, बल्कि ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी बचेगा। यातायात सुगम होने से क्षेत्र का विकास तेज होगा।