BPSC Protest: बिहार में BPSC छात्रों का आंदोलन लगातार जोर पकड़ रहा है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC ) के 70 वीं पीटी परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर हजारों छात्र सड़कों पर उतरे हैं। उनकी मुख्य मांग है की परीक्षा को रद्द कर री -एग्जाम कराया जाए।इस बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस मुद्दे पर तुरंत कदम नहीं उठाया, तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
BPSC Protest: छात्रों की मुख्य मांगे और सरकार की प्रतिक्रिया
सोमवार को प्रदर्शनकारी छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात की। छात्रों ने परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ियों को रेखांकित करते हुए अपनी मांगे रखी। मुख्य सचिव ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि इन मांगों पर विचार किया जाएगा। बावजूद इसके,छात्रों ने साफ कर दिया है कि जब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता उनका आंदोलन जारी रहेगा।
BPSC Protest: प्रशांत किशोर की कड़ी चेतावनी : कोर्ट का रुख करेंगे
प्रशांत किशोर ने 7 शब्दों में कहा कि सरकार को सिर्फ 48 घंटे का वक्त दिया गया है। इस दौरान अगर छात्रों की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा, ” छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम हर मंच पर उनकी आवाज उठाएंगे। ”
बिहार में जगह-जगह चक्का जाम, प्रदर्शन हुआ तेज
सोमवार को पटना, दरभंगा,आरा,अलवल समेत कई जिलों में प्रदर्शन कार्यो ने चक्का जाम कर दिया। इस आंदोलन में आइशा (AISA)का समर्थन मिला, जिसे माले (CPI -ML) नें भी समर्थन दिया। कई जगहो में ट्रैफिक बाधित हुआ, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए न्याय की मांग की।
रविवार का बवाल :पुलिस ने किया लाठी चार्ज
रविवार को पटना के जेपी गोलंबर पर प्रदर्शन उग्र हो गया। पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज किया और उन्हें वहां से खडेदने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। इस दौरान कई छात्रों को चोटें आई। और प्रशांत किशोर ने भी छात्रों के साथ मार्च निकाला था, लेकिन गोलंबर पर तनाव बढ़ने के बाद में वहां से चले गए।
प्रदर्शनकारियों पर एफआईआर, दर्ज आंदोलन जारी
पुलिस ने प्रदर्शन के बाद प्रशांत किशोर समेत 21 नाम जाट और 600 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की है। पुलिस की सख्ती और कार्यवाही के बावजूद प्रदर्शन कार्यों का हौसला कमजोर नहीं हुआ। उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, वे डटे रहेंगे।
क्या नीतीश सरकार उठाएगी कोई ठोस कदम?
BPSC छात्रों का यह आंदोलन अब राजव्यापी रूप लेता जा रहा है। प्रशांत किशोर और अन्य विपक्षी नेताओं के समर्थन नें इसे और धार दे दी है। अब सभी की नजरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।