बिहार: प्रवासी रैयतों के लिए भूमि सर्वे में राहत, अब गांव आना जरूरी नहीं

Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने प्रवासी रैयतो को जमीन सर्वे में बड़ी राहत दी है। अब प्रवासियों के लिए जमीन के भौतिक सत्यापन या किश्तवाड़ प्रक्रिया में खुद मौजूद रहना जरूरी नहीं है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस पर स्पष्टता दी हैकि रैयत अपनी जगह प्रतिनिधि भेज सकते हैं लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।

Bihar Land Survey: प्रतिनिधि से सर्वे में सुविधा होगी

अगर कोई रैयत स्वयं मौजूद नहीं हो सकता तो वह अपने किसी भरोसेमंद व्यक्ति को प्रतिनिधि के रूप में भेज सकता है। इससे सर्वे कर्मियों को जमीन के भूखंड की पहचान में आसानी होगी हालांकि प्रतिनिधि भेजना जरूरी नहीं है।

Bihar Land Survey: वंशावली और खतियान से संबंधित शिकायतें

सर्वे के दौरान वंशावली खतियान और राजस्व रशीद जैसी समस्याएं सबसे ज्यादा आ रही हैं। विभाग में इसके समाधान के लिए एक टोल फ्री नंबर 18003456 इसके साथ ही कुछ सामान्य निर्देश दिए गए हैं ताकि रैयतो के बीच किसी तरह की गलतफहमी ना हो।

 Bihar Land Survey: क्या करना आवश्यक है?

  • स्वघोषणा प्रपत्र 2 :रैयत या उनके वंशज को अपनी जमीन की जानकारी अंचल सिविल में जमा करनी होगी या इसे भू अभिलेख की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
  • खतियान और वंशावली:रैयत याजमाबंदी रैयत के वंशज को प्रपत -3(1) मैं वंशावली तैयार कर शिविर या ऑनलाइन अपलोड करना जरूरी है।
  • दस्तावेज : अगर जमीन का क्रय बिक्री या बदलैन है तो दस्तावेज की कॉपी और कोर्ट के आदेश की कॉपी भी जरूरी होगी।

Bihar Land Survey: क्या जरूरी नहीं है?

  •  वंशावली पर कार्यपालक दंडा अधिकारी या नौकरी के सामने शपथ लेने की आवश्यकता नहीं है
  •  ग्राम पंचायत के हस्ताक्षर या राजस्व रसीद की अपडेटेड प्रति भी जरूरी नहीं है

यह नई सुविधा प्रवासी रैयतो के लिए सहूलियत लेकर आई है जिससे उन्हें अपनी जमीन के सर्वे के लिए बार-बार गांव नहीं जाना पड़ेगा।

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