देशभर में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने के लिए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है, जिसमें बिहार में 9 कॉलेज शामिल हैं। इस परियोजना पर लगभग 24,375 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे हर साल हजारों नए डॉक्टर तैयार होंगे और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। सरकार के इस कदम से देश के हर कोने में मेडिकल शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
जेपी नड्डा ने की घोषणा से छात्राओं में खुशी की लहर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने घोषणा की है कि इन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना राज्य के विभिन्न जिलों में की जाएगी। इससे न केवल मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी बढ़ेगी। इन नए कॉलेजों के माध्यम से हर साल हजारों छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए अवसर मिलेगा।
नए मेडिकल कॉलेजों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में खोला जाएगा, जिससे हर क्षेत्र में मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सकेंगी। इस योजना के अंतर्गत बिहार के पिछड़े और दूरदराज के जिलों को प्राथमिकता दी गई है ताकि वहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
सरकार करेगी 24,375 करोड़ रूपए का खर्च
देशभर में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की इस परियोजना पर कुल अनुमानित खर्च लगभग 24,375 करोड़ रुपये आएगा। सरकार ने प्रत्येक मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए औसतन 325 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस राशि का उपयोग कॉलेजों के निर्माण, उपकरणों की खरीद, फैकल्टी और स्टाफ की नियुक्ति, और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए किया जाएगा। केंद्र सरकार इस योजना में राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी, जहां केंद्र सरकार परियोजना लागत का 60% वहन करेगी, जबकि राज्यों को बाकी 40% खर्च उठाना होगा। इस निवेश से मेडिकल शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने और देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने की उम्मीद है।
किन जिलों में खुलेंगे कॉलेज?
बिहार में नए मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना के तहत 9 जिलों का चयन किया गया है, जिनमें सीतामढ़ी, शिवहर, जमुई, वैशाली, बक्सर, सुपौल, बांका, बेगूसराय, और लखीसराय शामिल हैं। इन जिलों का चयन मुख्य रूप से उन क्षेत्रों को ध्यान में रखकर किया गया है, जहां अभी तक मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं। नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से इन क्षेत्रों में चिकित्सा शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय छात्रों को अपने ही राज्य में उच्च स्तरीय मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा। साथ ही, इन कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों के माध्यम से इन जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं भी सुलभ होंगी। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर डॉक्टरों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा। इस कदम से बिहार के इन जिलों में चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
शिक्षा और रोजगार के अवसर में होगे इजाफा
नए मेडिकल कॉलेजों के खुलने से न सिर्फ बिहार के छात्रों को शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि इन कॉलेजों में पढ़ाने के लिए नए शिक्षकों और स्टाफ की भी जरूरत होगी। इससे राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषज्ञों की मांग पूरी करने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा।