उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फलों और सब्जियों के उपज बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है इसने ही पहल के तहत प्रदेश के 73 जिलों में हाईटेक नर्सरी यानी पौधशालाओं बनाई जाएगी । यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी शिवाय नोएडा और गाजियाबाद के। इन पौधों का उद्देश्य न केवल फलों और सब्जियों के उपज को बढ़ाना है बल्कि उनकी गुणवत्ता को भी सुधारना है। राज्य सरकार यह कदम किसने और बागवानी की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में ले गई है जिससे सरकार की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
UP: कृषि जलवायु क्षेत्र के आधार पर होगी पौधशालाओं की स्थापना
हर जिले की जलवायु और मिट्टी के अनुसार वहां के लोगों के लिए उपयुक्त फल और सब्जियों की प्रजातियां का चयन किया जाएगा। सरकार इस बात पर खास ध्यान दे रही है कि जिस जिले में जो फसल या पौधा सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है वहीं उन्हें लगाया जाए। इसके लिए राज्यों के कृषि विभाग केंद्र और संबंधित विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से भी सलाह ली जाएगी। इसी के आधार पर तय होगा कि किस जिले में कौन से पौधे उगाए जाने चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निर्णय लेना होगा ताकि सही उपज और बिस्तर गुणवत्ता के पौधे को उगाया जा सके।
UP:किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश सरकार की पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों और बागवानी की आय में वृद्धि करना है। इन फसलों की उपस्थिति किसानों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा मिलेगा यह योजना मनरेगा के तहत बनाई गई है इस योजना के तहत अब तक 36 प्रयोगशालाएं पूरी तरीके से तैयार कर चुके हैं और जल्दी 16 और नई प्रयोगशालाओं पर काम शुरू किया जाएगा इन नई हाईटेक नर्सरी में पौधों को नियंत्रित तापमान और नामी में उगाया जाएगा।
UP: कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है फलों और सब्जियों की खेती का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है वैज्ञानिक दृष्टि से सिद्ध हो चुका है कि फल और खेतों की सब्जी आना केवल प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादन देते हैं बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करती हैं। फलों और सब्जियों की खेती से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन की संभावना बढ़ाते हैं खासकर अभिनय प्रोसेसिंग के माध्यम से बाजार में लाया जाएगा इसके अलावा फलों और सब्जियों में विटामिन खनिज और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जिससे पोषण सुरक्षा में भी इनका बड़ा योगदान है। इस संदर्भ में हाईटेक नर्सरी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
UP: एग्रो क्लाइमेटिक जोन का पूरा लाभ उठाने का प्रयास
प्रदेश 9 अलग अलग एग्रो क्लाइमेटिक जोन है, जिनका फ़ायदा उठाकर राज्य में हिना प्रकार की फसलों की खेती की जा सकती हैं। देश की कुल भूमि लगभग 77 प्रतिशित हिस्सा खेती योग्य हैं, जिसमें से करीब 85 प्रतिशत भूमि सिंचित हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान न केवल फसल उत्पादन बढ़ाने पर है बल्कि राज्य की उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार तक पहुंचने तक भी है। राज्य में एक्सप्रेसवे नेटवर्क जेवर अयोध्या और कुशीनगर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट और प्रयागराज से वाराणसी और पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक जलमार्ग का विकास होने से निर्यात की संभावनाओं को और भी बढ़ावा मिल रहा है