निगरानी विभाग की सख्ती, 32.5 हजार शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की होगी जांच

बिहार में जाली डिग्रियों के सहारे शिक्षक पद पर नियुक्त होने वाले शिक्षकों के लिए बुरी खबर है राज्य के निगरानी विभाग में ऐसे शिक्षकों के लिए खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया गया और अब जांच का दायरा पहले से कहीं ज्यादा बढा  दिया गया है।

32.5 हजार शिक्षकों के प्रमाण पत्र पर कड़ी कार्यवाही

बिहार में करीब 32.5 हजार शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने दूसरे राज्यों से प्रमाण पत्रों का का उपयोग कर राज्य में नौकरी पाई है। निगरानी विभाग में इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र की वैधता की जांच के लिए दूसरे राज्य के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है यह पत्र संबंधित राज्य से यह पुष्टि करने के लिए भेजा यह है कि क्या यह प्रमाण पत्र वाकई उनके विश्वविद्यालय या कॉलेज द्वारा जारी किए गए थे। इस जांच प्रक्रिया के तहत पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कहीं शिक्षकों ने जाली दस्तावेज के आधार पर तो नौकरी नहीं हासिल की है।

फर्जी डिग्री धारी शिक्षकों पर कानूनी शिकंजा

अब तक की जांच में लगभग 2,157 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को जाली पाया गया है। इन शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, और कई शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त भी किया जा चुका है। जो शिक्षक फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर नौकरी कर रहे थे, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और उन्हें कानूनी रूप से सजा देने की प्रक्रिया भी चल रही है। राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है, ताकि शिक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को खत्म किया जा सके।

बिहार के निगरानी विभाग में विभिन्न चरणों में 32.5 000 शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच शुरू की है। जिन शिक्षकों ने कुल असम गुजरात महाराष्ट्र राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से अपना शैक्षिक प्रमाण पत्र हासिल किए हैं उनकी विशेष जांच की जा रही है हालांकि समस्या यह है कि कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र या तो गायब हो गया है या फिर उपलब्ध नहीं हो रहा है जैसे उनकी सत्यता की पुष्टि में कठिनाई हो गई है इस ध्यान में रखते हुए नजर आने विभाग में उन राज्यों के मुख्य सचिवों से सहायता की मां की ताकि यह जान सही से हो सके।

71% प्रमाण पत्रों की जांच पूरी 2157 जाली

अब तक लगभग 71% शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच पूरी हो चुकी है जिसमें से 2.1 57 प्रमाण पत्र जारी पाए गए हैं राज्यों के 5,57,959 शिक्षक में से 4,33,854 शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन हो चुका है जबकि 1,24,105 शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन अभी भी बचा हुआ है। इसके अलावा ,32,570 शिक्षकों के प्रमाण पत्र राज्य के बाहर के विश्वविद्यालय से हैं, जिनकी सत्यता की जांच की जा रही है।

राज्य सरकार की कार्यवाही और परिणाम

जाली प्रमाण पत्र रखने वाले शिक्षकों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्यवाही तीव्र होती जा रही है जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र नकली साबित हो चुके हैं जिन्हें तुरंत नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है इसके अलावा उनके खिलाफ  राजनीतिक मुकदमें भी दर्ज किया गए हैं।

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