Chhath Puja 2024: दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना के घाटों पर छठ पूजा की इजाजत देने वाली याचिका पर किसी भी प्रकार के निर्देश देने से साफ इनकार कर दिया हैं। कोर्ट का मानना है कि यमुना की वर्तमान हालात में उसके पानी में पूजा करना लोगों की सेहत के लिए खतरा है। कोर्ट ने कहा कि यमुना का पानी इतना प्रदूषित है कि उसमें जाना सुरक्षित नहीं।
Chhath Puja 2024: दिल्ली सरकार ने कहा पूरे शहर में किए पर्याप्त इंतजाम
सनी के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी की राजधानी में छठ पूजा के लिए 1000 से अधिक जगहों पर आयोजन की व्यवस्था की गई है इनमें से कुछ स्थान यमुना के निकट भी है ताकि लोगों को पूजा के लिए सुविधा मिल सके लेकिन यमुना के प्रदूषित पानी में जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है
Chhath Puja 2024: यमुना की खराब स्थिति से हाई कोर्ट भी चिंतित
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेंडेला की पीठ में यमुना में प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता जताई। हाल में ही एक व्यक्ति ने यमुना में डुबकी लगाई थी और उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने के कारण आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। हाई कोर्ट का कहना है कि यमुना का प्रदूषण एक दिन में दूर नहीं किया जा सकता और ऐसी स्थिति में पूजा की इजाजत देना संभव नहीं है।
Chhath Puja 2024: हाई कोर्ट की याचिका करता को सलाह – यमुना की सफाई पर दायर करें याचिका
याचिका के दौरान हाई कोर्ट में याचिका करता से कहा कि अगर वह वाकई यमुना को साफ करना चाहते हैं। तो सफाई को लेकर याचिका दायर करें उसे पर विचार किया जाएगा। कोर्ट में सुझाव दिया कि यदि याचिका करता खुद घाटों की सफाई का जाम ले सकते हैं तो ऐसा कर सकते हैं।
Chhath Puja 2024: छठ पूजा के पारंपरिक महत्व पर याचिका कर्ता का तर्ज
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने छठ पूजा के महत्व पर जोर देते हुए कहा की परंपरा के अनुसार यह पूजा नदी के बहते जल में ही की जाती है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि हथनीकुंड बैराग से साफ पानी छोड़ा जाए तो यमुना के किनारे पर छठ पूजा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदूषण की वजह से लोग गांव में पूजा के लिए जा रहे हैं जहां स्वच्छ पानी उपलब्ध है।
Chhath Puja 2024: पिछले सालों में भी लगाया गया था घाट पर बैन
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट कों बताया कि 2019 और 2020 में कोरोना के कारण घाटों पर पूजा करने पर बैन लगाया गया था और अब फिर प्रदूषण के कारण छठ पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोर्ट ने माना की प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा है और यमुना के घाटों पर पूजा के अनुमति नहीं दी जा सकती।