IndiGo ने DGCA नोटिस का दिया जवाब, DGCA ने जवाब को बताया असंतोषजनक

देशभर में हजारों उड़ानें रद्द होने और लाखों यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करने के बाद इंडिगो ने सोमवार शाम डीजीसीए के कारण बताओ नोटिस का औपचारिक जवाब सौंप दिया। कंपनी की ओर से भेजा गया यह उत्तर सीईओ और सीओओ के हस्ताक्षर के साथ ठीक 6:01 बजे जमा किया गया।

जवाब में यात्रियों से माफी और खेद व्यक्त किया गया है, हालांकि सबसे अहम सवाल ये है कि यह अभूतपूर्व संकट आखिर पैदा कैसे हुआ? इसका सीधा और ठोस कारण कंपनी ने नहीं बताया। इंडिगो का कहना है कि यह स्थिति कई अप्रत्याशित परिस्थितियों के दुर्भाग्यपूर्ण मेल का नतीजा थी, जिनकी अभी पूरी तरह पहचान करना संभव नहीं है।

DGCA कर रहा जवाब की समीक्षा

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) इस जवाब की जांच में जुटा है। शुरुआती संकेतों से साफ है कि नियामक संस्था इंडिगो की दलीलों से संतुष्ट नहीं है। राज्यसभा में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि airline के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।

इंडिगो ने DGCA से अधिक समय भी मांगा है, तर्क देते हुए कि नियमों के तहत 15 दिन का मौका मिलता है। कंपनी का कहना है कि अभी केवल प्रारंभिक जानकारी दी गई है, जबकि विस्तृत “रूट कॉज एनालिसिस” बाद में साझा किया जाएगा।

कंपनी ने बताईं 5 वजहें

  1. छोटे-मोटे तकनीकी दोष
  2. सर्दियों की उड़ानों के लिए शेड्यूल में बदलाव
  3. खराब मौसम
  4. हवाई अड्डों पर बढ़ता दबाव
  5. नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) फेज-2 नियमों का लागू होना

कंपनी का कहना है कि वह पहले से ही DGCA से FDTL नियमों में राहत या स्थगन की मांग कर रही थी। लेकिन दिसंबर के शुरुआती दिनों में जब ये सभी कारक एक साथ सामने आए, तो क्रू की उपलब्धता अचानक घट गई और नेटवर्क पर भारी दबाव बन गया।

नेटवर्क रिबूट का दावा

इंडिगो के अनुसार, 5 दिसंबर को उसने “नेटवर्क रिबूट” शुरू किया—अर्थात कई उड़ानें जानबूझकर रद्द की गईं, ताकि क्रू और विमान सही लोकेशन पर भेजे जा सकें और फंसे यात्रियों को समायोजित किया जा सके। कंपनी का दावा है कि 6 दिसंबर से सेवाएं धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं और यात्रियों को होटल, भोजन, ट्रांसपोर्ट व रिफंड जैसी सुविधाएं “जहां संभव हुआ” उपलब्ध कराई गईं।

जमीनी हकीकत अलग

हालांकि, यात्रियों की शिकायतें इसके उलट तस्वीर पेश करती हैं। अधिकतर यात्रियों को किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली। साथ ही, इंडिगो ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि उसकी आंतरिक प्लानिंग और प्रबंधन में कौन-सी चूक हुई, जिसकी वजह से स्थिति इतनी बिगड़ी। नागरिक उड्डयन मंत्री ने राज्यसभा में जिस दो महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया था, उन पर भी कंपनी ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

जल्द होगी कार्रवाई

DGCA का कहना है कि इंडिगो का जवाब विश्लेषण के दौर में है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, नियामक संस्था इंडिगो की “अधिक समय” मांगने वाली दलील से संतुष्ट नहीं है और कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

 

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