PM Modi के अगले महीने यूक्रेन की यात्रा पर जाने की संभावना

PM Modi अगले महीने यूक्रेन की यात्रा पर जा सकते है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता करने के लिए कीव का दौरा कर सकते हैं।

PM Modi अगले महीने यूक्रेन की यात्रा पर जा सकते है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता करने के लिए कीव का दौरा कर सकते हैं।

युद्ध के बीच PM Modi का दौरा

यूक्रेन-रूस के युद्ध को समाप्त करने के लिए एक रास्ता तैयार करने के लिए नए सिरे से किए जा रहे वैश्विक प्रयासों की पृष्ठभूमि में हो सकता है।

सूत्रों ने बताया कि मोदी 24 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रीय दिवस के आसपास कीव की यात्रा कर सकते हैं और उनके यूक्रेन से पोलैंड जाने की भी संभावना है।

प्रधानमंत्री करेंगे शांति का प्रयास!

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री का ये दौरा काफी अहम हो सकता है। दोनों देशों के बीच युद्ध खत्म करने के लिए एक वैश्विक प्रयास की शुरुआत हो सकती है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रीय दिवस के आसपास कीव के दौरे पर जा सकते हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी का पहला यूक्रेन दौरा!

सूत्रों ने बाताया कि प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। युद्ध क्षेत्र में दौरे से पहले व्यापक तैयारी की जरुरत होती है। अगस्त महीने में प्रधानमंत्री मोदी का कीव दौरे पर जाते हैं, तो ये प्रधानमंत्री मोदी का पहला यूक्रेन दौरा होगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 19 जुलाई को यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच प्रधानमंत्री की यात्रा पर चर्चा हुई।

PM Modi  के दौरे का असर

विदेश मामले के जानकार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का मुख्य उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने तरीकों की खोज करना है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 8-9 जुलाई को रूस की यात्रा की थी। अमेरिका ने प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे की आलोचना की थी। भारत ने प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि बहुध्रुवीय विश्व में सभी देशों को अपनी पसंद को तरजीह देने की स्वतंत्रता है। भारत यह कहता रहा है कि यूक्रेन में संघर्ष को संवाद और कूटनीति के जरिये हल किया जाना चाहिए।

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