Champai Soren: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने रविवार को इशारों-इशारों में पार्टी छोड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि उनके पास कई सारे विकल्प हैं। बता दें कि वह दिल्ली दौरे पर हैं और उन्हें लेकर अटकलों का बाजार गर्म है कि वह जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसी बीच, उन्होंने कहा, मेरे पास कई सारे विकल्प हैं।
Champai Soren ने क्या लिखा?
पूर्व सीएम सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा कि झारखंड का मुख्यमंत्री रहते हुए उनका अपमान किया गया। उन्होंने कहा, “झारखंड का बच्चा- बच्चा जनता है कि अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने कभी भी, किसी के साथ ना गलत किया, ना होने दिया। इसी बीच, हूल दिवस के अगले दिन, मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया है। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था।”
चंपई सोरेन ने आगे कहा कि पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा तीन जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक आप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते। उन्होंने लिखा कि क्या लोकतंत्र में इससे अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? सोरेन ने कहा, “मुझे कभी भी सत्ता का लोभ रत्ती भर भी नहीं था, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी इस चोट को मैं किसे दिखाता? अपनों द्वारा दिए गए दर्द को कहां जाहिर करता?”
Champai Soren ने पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था। बैठक के दौरान मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था। सोरेन ने कहा कि मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हमने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।’’
इससे पहले, दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद Champai Soren ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के किसी नेता से मुलाकात नहीं की है और वह राष्ट्रीय राजधानी में एक ‘निजी’ यात्रा पर हैं। शुक्रवार को मीडिया में आईं कुछ खबरों में दावा किया गया कि झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले सोरेन भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लेकिन सोरेन ने शनिवार को कहा था कि उन्हें अटकलों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।