कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री, उसके भंडारण और बड़े पैमाने पर तस्करी के जरिए आर्थिक लाभ कमाने वाले नेटवर्क पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है। प्रदेश में फैली इस संगठित आपराधिक गतिविधि ने कई जिलों में कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों को चुनौती दी है। मामलों के अंतरजनपदी और बहु-विभागीय स्वरूप को ध्यान में रखते हुए सरकार ने विशेष कार्रवाई शुरू की है।
निष्पक्ष जाँच के लिए SIT का गठन
इसी के लिए राज्य सरकार ने एक तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जो कफ सिरप सिंडिकेट की पूरी चेन की गहराई से जांच करेगी। SIT की कमान एल.आर. कुमार, पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था), उत्तर प्रदेश को सौंपी गई है। SIT की टीम में सुशील घुले चंद्रभान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (STF) और अखिलेश कुमार जैन, सहायक आयुक्त (मुख्यालय), खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, सदस्य के रूप में शामिल हैं।
SIT एक महीने में शासन को सौंपेगी रिपोर्ट
योगी सरकार का कहना है कि कोडीन सिरप से जुड़े सभी अवैध नेटवर्क-वितरकों, आपूर्तिकर्ताओं और तस्करी से जुड़े गिरोह की पहचान कर प्रभावी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। SIT को निर्देश दिया गया है कि वह पूरा मामला खंगालकर एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपे।
अब तक इस मामले में प्रदेश के 28 जिलों में 128 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में तीन शातिर अभियुक्तों समेत कुल 32 गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं और जांच के आगे बढ़ने के साथ और भी नाम सामने आने की संभावना है। सरकार का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि राज्य नशीले पदार्थों की अवैध गतिविधियों के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रहा है।
