Engineer Suicide Case: बेंगलुरु पुलिस ने आई इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या केस में वांछित आरोपी निशा और उनके बेटे अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने अनोखी रणनीति अपनाई। होटल में डॉक्टर और नर्स बनकर पहुंची पुलिस ने इस पूरे ऑपरेशन को गोपनीय तरीके से अंजाम दिया।
Engineer Suicide Case: पुलिस की चतुर रणनीति
बेंगलुरु पुलिस ने जाल बिछाते हुए उसकी होटल में दो कमरे बुक कराए वहां पुलिस मां बेटे छिपे हुए थे। महिला और पुरुष पुलिसकर्मी ने खुद को डॉक्टर और नर्स बताया। रातभर आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी। जैसे ही सुबह हुई टीम ने आरोपी को कमरे से गिरफ्तार कर ली।
Engineer Suicide Case: जौनपुर से शुरू हुई जांच की कड़ी
यह पूरा मामला तब खुला जब आरोपियों ने 11 दिसंबर की रात जौनपुर स्थित अपने घर में ताला लगाकर भागने की कोशिश की। उन्होंने प्रयागराज के झूंसी इलाके में एक होटल में शरण ली। पुलिस कौन की लोकेशन का सुराग मिलते ही रणनीति बनाई। बेंगलुरु पुलिस तुरंत एक्शन में आई और 13 सितंबर को होटल पहुंचकर प्लान तैयार किया और उसका एग्जीक्यूट भी किया।
हाईकोर्ट की अर्जी से मिला सुराग
इस बीच, आरोपियों ने 12 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तुरंत उनकी लोकेशन ट्रेस की। उसके बाद एक महिला और पुरुष पुलिस कर्मी को भेजा गया, जहां होटल में उनकी पहचान डॉक्टर और नर्स के रूप में दी गयी। होटल में पहुंचने के बाद पुलिसकर्मियों ने दिन रात आरोपियों की गतिविधि पर पैनी नजर रखी। और जैसे ही पुलिस को मौका मिला, उन्होंने कमरे में प्रवेश किया। करीब 2 घंटे की पूछताछ के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
वाराणसी होते हुए बेंगलुरु ले जाएंगे
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों को वाराणसी ले जाने का फैसला किया। वहां से फ्लाइट के जरिए उन्हें बेंगलुरु ले जाया जाएगा। पुलिस में ऑपरेशन क्यों पूरी तरह गोपनीय रखा ताकि कोई रुकावट ना आए। कुत्ते इंजीनियर अब्दुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में निशा और उनके बेटे अनुराग पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।