Bihar Police: पटना के बिक्रम थाना क्षेत्र से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। बिक्रम पुलिस स्टेशन के पूर्व थानाध्यक्ष (एसएचओ) विनोद कुमार को एक अंदरूनी जांच में दोषी पाया गया है। आरोप है कि उन्होंने अपने विदाई समारोह के दौरान रेत और शराब माफिया से जुड़े लोगों के साथ-साथ आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों से खुलेआम तोहफे स्वीकार किए।
Bihar Police: कैसे हुआ मामले का खुलासा?
मामले का खुलासा तब हुआ, जब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई। पोस्ट में दावा किया गया कि बिक्रम थाना प्रभारी रहते हुए विनोद कुमार ने अपनी विदाई के मौके पर ऐसे लोगों से महंगे तोहफे लिए, जिनके खिलाफ पहले से ही संपत्ति जब्ती जैसी कानूनी कार्रवाई चल रही थी। पोस्ट सामने आते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया।
Bihar Police: 24 घंटे में जांच पूरी
पटना के सिटी पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) भानु प्रताप सिंह ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। महज 24 घंटे के भीतर जांच पूरी कर ली गई और शुरुआती रिपोर्ट में आरोपों को सही पाया गया।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, विनोद कुमार ने बिहार सरकारी कर्मचारी आचरण नियम, 1976 के नियम 14 का उल्लंघन किया है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा किसी भी तरह का तोहफा लेने पर स्पष्ट प्रतिबंध है। इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि उन्होंने विदाई समारोह में तोहफे लेने के लिए किसी तरह की वैधानिक अनुमति नहीं ली थी।
Bihar Police: क्या कहता है नियम
यहीं पर मामला खत्म नहीं होता। रिपोर्ट में यह भी पुष्टि हुई कि विनोद कुमार ने नियम 15 का भी उल्लंघन किया। इस नियम के अनुसार, थाना प्रभारी जैसे संवेदनशील और जिम्मेदार पद पर तैनात अधिकारी को विदाई समारोह आयोजित करने से पहले सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। लेकिन यह समारोह बिना किसी स्वीकृति के आयोजित किया गया था।
जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि विदाई समारोह में कई ऐसे लोग मौजूद थे, जिनका आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस प्रशासन ने इसे बेहद गंभीर मामला बताया है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का व्यवहार न केवल सामुदायिक पुलिसिंग की भावना के खिलाफ है, बल्कि इससे आम जनता का पुलिस पर भरोसा भी कमजोर होता है।
Bihar Police: कारण बताओ नोटिस जारी
इन सभी तथ्यों के आधार पर सिटी एसपी (पश्चिम) भानु प्रताप सिंह ने विनोद कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विदाई समारोह में मिले तोहफों का अलग से मूल्यांकन किया जाएगा और आगे की विभागीय कार्रवाई को लेकर पूरी रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), पटना को भेज दी गई है।
पुलिस विभाग ने दो टूक कहा है कि तोहफे लेना, आचरण नियमों का उल्लंघन करना और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से नजदीकी संबंध रखना किसी भी सरकारी अधिकारी के लिए गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे कृत्य न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन हैं, बल्कि पुलिस विभाग की छवि और उसकी विश्वसनीयता को भी गहरी चोट पहुंचाते हैं।
अब यह मामला एसएसपी पटना के समक्ष है, जहां विभागीय नियमों के तहत विनोद कुमार के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी।
