Nasrallah Death: 25 मई 2000 को इसराइल सेना ने दक्षिणी लेबनान से अपनी सेनाओं को वापस बुला लिया, जो हिजबुल्लाह के लिए अब तक सबसे बड़ी जीत मानी गई। अगले दिन हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरअल्लाह ने लेबनान के बिंत जबेल शहर में लोगों को संबोधित किया। 39 साल के नसरअल्लाह ने कहा, “इजरायल के पास परमाणु हथियार हो सकते हैं लेकिन वह मकड़ी की दाल की तरह कमजोर हैं”। यह बयान हिजबुल्लाह के इजराइल के खिलाफ आत्मविश्वास को दर्शाता था। लगभग 24 साल बाद 27 सितंबर 2024 को इजराइल ने बेरूत में हिजबुल्लाह मुख्यालय पर हमला जिसके बाद इजरायल ने पुष्टि की की नसरअल्लाह मर गया ।
Nasrallah Death:2024 में इजरायल के जवाबी हमला और नसरअल्लाह की मौत
लगभग 24 साल बाद 27 सितंबर 2024 को, इजराइल ने बेरूत में हिजबुल्लाह मुख्यालय पर हमला किया जिसने बड़ी मात्रा में बारूद गिराया गया । इजरायली मुख्यमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो जारी करते हुए नसरअल्लाह के पुराने बयान को याद किया और कहा, “हमारे दुश्मन सोचते थे कि हम मकड़ी के जल की तरह कमजोर है, लेकिन हमें स्टील की तरह मजबूत है । कुछ घंटे बाद इजरायल ने पुष्टि की की नसरअल्लाह मर गया । इजरायल सेना ने कहा, अब नसरअल्लाह दुनिया आतंकित नहीं कर पाएगा ।
Nasrallah Death:नसरअल्लाह का शुरुआती जीवन
नसरअल्लाह का जन्म 31 अगस्त 1960 को एक गरीब शिया परिवार में हुआ । वे नौ भाई बहनों के साथ बड़ा हुआ जिसेमें वह सबसे बड़ा था । उनके पिता बेरूत के शारशाबुक इलाके में रहते थे और फल सब्जी बेचकर परिवार का गुजारा किया करते थे। नसरअल्लाह की शुरुआती शिक्षा एक ईसाई इलाके में हुई लेकिन उसे बचपन से ही धार्मिक विषयों में गहरी रुची थी। वह ईरान के प्रसिद्ध धार्मिक नेता सैयद मूसा सदर से बेहद प्रभावित था, जिन्होंने लेबनान के शिया समुदाय को सशक्त बनने के लिए ‘अमल’ नाम एक आंदोलन की शुरुआत की थी।
Nasrallah Death:अमल में शामिल होना और इजराइल से संघर्ष
1975 में लेबनान में गृह युद्ध शुरू हुआ तो सिया, सुन्नी और ईसाई समुदाय के बीच सत्ता के हिस्सेदारी को लेकर संघर्ष शुरू हो गया । मूसा सदर ने सिया के अधिकारों की रक्षा के लिए अमल के आर्म्ड विंग का गठन किया और 15 साल की उम्र में नसरल्लाह अमन इसमें शामिल होकर इजरायल के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी ।
Nasrallah Death:इराक में पढ़ाई और अब्बास मुसावी से मुलाकात
गृह युद्ध के दौरान नसरल्लाह का परिवार अपने पैतृक गांव बजौरीह चला गया, जहां उसे आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया गया। 1976 में, वह इस्लामी शिक्षा के लिए इराक के नजफ शहर चला गया। वहीं उसकी मुलाकात लेबनानी स्कॉलर सैयद अब्बास मुसावी से हुई, जो मूसा सदर के शागिर्दों में गिने जाते थे और ईरान के क्रांतिकारी नेता आयातुल्लाह खुमैनी से प्रभावित थे। हालांकि, 1978 में सद्दाम हुसैन ने लेबनानी शिया छात्रों को इराक से निकालने का आदेश दिया, जिसके बाद नसरल्लाह और मुसावी वापस लेबनान लौट आए।
Nasrallah Death:हिजाब अल्लाह का निर्माण और नेतृत्व
नसरअल्लाह और अब्बास मुसाब ने मिलकर लेबनान में हिजाब अल्लाह का गठन किया, जो शुरू से ही इजरायल के खिलाफ संघर्ष कर रहा था । नसरल्लाह की नेतृत्व क्षमता और संघर्ष की भावना से उसे हिजबुल्लाह का प्रमुख नेता बना दिया गया।