बिहार में बुधवार को जितिया के पर के अवसर पर गंगा और अन्य नदियों में स्नान करते समय 49 लोग डूब गए, जिनमें 41 की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई। इसी तरह औरंगाबाद जिले में तालाब में स्नान करने के दौरान 8 लोगों जिसमें दो महिलाएं और 6 बच्चे शामिल हैं, की भी जान चली गई। इस पर्व का धार्मिक उत्सव जहां श्रद्धा और खुशी का प्रतीक है, वही यह घटनाएं सुरक्षा की चिताओं को भी उजागर करती हैं।
जितिया पर का उत्सव और स्नान
पूरे देश में बुधवार को जितिया व्रत धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने गंगा और अन्य नदियों में स्नान कर डुबकी लगाई । जितिया पारकर धार्मिक महत्व है इसे श्रावणी पर्व के दौरान माता द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है ।
बिहार में हुई बेहद दुखद घटनाएं
हालांकि बिहार के लिए यह बुधवार बेहद दुखद दिन साबित हुआ । जितिया पर्व के दौरान गंगा नदी में स्नान करने गए लोगों में से पूरे राज्य में 49 लोग डूब गए इसमें 41 लोगों की मौत हो गई ।जो इस पर्व के उत्सव का काला पक्ष था। यह घटनाएं न केवल धार्मिक उत्सव के माहौल को प्रभावित करती हैं, बल्कि इसके पीछे की सुरक्षा की कमियों पर भी सवाल उठाती हैं
औरंगाबाद जिले में तालाब में डूबने की घटनाएं
औरंगाबाद जिले में भी स्थिति गंभीर दही यहां के अलग-अलग स्थान पर तालाब में नहाने के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई, जिनमें से दो महिलाएं और 6 बच्चियों शामिल हैं । यह घटनाएं जिले केबारुण प्रखंड के इट हट गांव और मदनपुर प्रखंड के कुशा गांव में हुई। इस प्रकार की घटनाएं न केवल परिवारों के लिए दुख का कारण बनती हैं, बल्कि समाज में एक चेतावनी भी देती हैं की जल स्रोतों के पास सावधानी बरतनी चाहिए।