Bihar Flood: बिहार में बाढ़ की स्थिति अब गंभीर हो गई है खासकर उत्तर बिहार के 20 जिलों में तबाही का खतरा बढ़ रहा है। नेपाल में हुई बाहरी बारिश के कारण गंडक और कोसी नदी में रिकॉर्ड मात्रा में पानी आया है। शनिवार को स्थिति बहुत गंभीर हो गई क्योंकि गंडक और कोसी बराज से रिकॉर्ड पानी छोड़ा गया। रविवार सुबह 5:00 बजे इस बारात से 6.5 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जो 1968 के बाद सबसे अधिक है। हालांकि कोसी नदी के डिस्चार्ज में कमी आ रही है लेकिन इसका पानी सीमांचल के जिलों में घुस गया है, जिससे वहां बसे लोगों के बीच हाहाकार मच गया है ।
Bihar Flood:तटबंधों पर कटाव और बाढ़ का प्रभाव
बराज से पानी कम होने के बावजूद तटबंधों पर कटाव की चुनौती बढ़ गई है। पिछले 1 दिन में बिहार में आधा दर्जन से अधिक तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे निचले इलाकों में तेजी से पानी फैल गया है। सुपौल जिले में कोसी नदी में अपने प्रचंड रूप में बहना शुरू कर दिया है, जिससे हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। 28 सितंबर की रात को जो 56 साल बाद सबसे भयानक रात रही। कोसी का पानी लोगों के घरों में घुस गया, जिससे लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हो गए। कई बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने 1968 की भीषण बाढ़ देखी थी लेकिन इस बार उसी का इतना भयानक रूप उन्होंने पहली बार देखा है । अचानक ही घरों में घुटनों तक पानी भरने लगा
Bihar Flood: राहत कार्य और एनडीआरएफ -एसडीआरएफ की तैनाती
बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए एनडीआरफ और एसडीआरएफ की 16 टीमों को प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है। सुपौल में चार और सहरसा में तीन-तीन में भेजी गई। जल संसाधन विभाग का दावा है की अन्य तटबंध सुरक्षित हैं ।इसके अलावा, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी एनडीआरएफ से बैठक की और राहत और बचाव कार्यों के निर्देश दिए हैं ताकि बाहर से प्रभावित लोगों की सहायता की जा सके।