Political Scandal: नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को गिराने की एक साजिश का खुलासा हुआ है। किसने राजनीतिक गलियां में हलचल मचा दी है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में यह जानकारी सामने आई है की विधानसभा में विश्वास मत के समय सरकार को स्थित करने की गंभीर कोशिश की गई थी। EOU के उप पुलिस महानिरीक्षक मानव जीत सिंह ढिल्लों ने बताया, की कुछ विधायकों की खरीद पफरोख्त के लिए पैसे का लेनदेन किया गया। जिससे यह संकेत मिलता है कि विपक्षी दलों ने सरकार को गिराने के लिए साजिश रची थी।
Political Scandal:विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश
जांच में यह भी पाया गया है कि फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में रहने वाले कुछ व्यक्तियों के माध्यम से एनडीए के कई विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ विधायकों ने पहले से ही एडवांस में पैसे ले लिए थे जबकि बाकी राशि हवाला के जरिए मिलने वाली थी। यह सभी गतिविधियां एक सुनियोजित साजिश के तहत की जा रही थी, जिसका उद्देश्य एनडीए सरकार को विश्वास मत में असफल बनाना था।
Political Scandal:ED की जांच में शामिल होना
मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने भी एंट्री की है ED की एंट्री का कारण यह है कि इस मामले में जो वित्तीय लेनदेन सामने आए हैं। वह सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हुए प्रतीत हो रहे हैं। EOU ने इस संदर्भ में ED वह एक पत्र लिखा था जिसके बाद ED की टीम ने सबूत जुटाने के लिए जांच शुरू कर दी हैED अब अपने स्तर पर इस मामले को की गंभीरता को समझते हुए जांच कर रही है
Political Scandal:FIR का मामला और आरोप
इस साजिश के संदर्भ में JDU के विधायक सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाने में एक एक FIR दर्ज कर कराई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि कुछ व्यक्तियों ने दो विधायकों का अपहरण कर 10 करोड रुपए का प्रलोभन दिया था। इस शिकायत के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने सक्रियता दिखाई और प्रारंभिक जांच के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए EOI ने अपनी जांच शुरू की।
Political Scandal:NDA सरकार का शपथ ग्रहण
महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद 28 जनवरी को एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण हुआ था। नीतीश कुमार ने इस बार नवमी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस शपथ ग्रहण में राजनीतिक परिस्थितियों को पूरी तरह से बदल दिया और NDA के नेताओं ने अपने नए कार्यकाल के तहत आगे बढ़ाने की योजना बनाई।
Political Scandal: कांग्रेस की रणनीति और बगावत
फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेजने का निर्णय लिया था । इसका मुख्य कारण था कि उन्हें खरीद का डर था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा की तेलंगाना में नई सरकार के गठन के बाद सभी विधायकों को वहां बधाई देने के लिए भेजा गया है, हालांकि फ्लोर टेस्ट के दिन कुछ राजद विधायकों ने NDA खेमे में शामिल होकर बगावत के संकेत दिया। चेतन आनंद, नीलम देवी और पहलाद यादव जैसे विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़कर NDA मैं शामिल होकर स्थिति को और पेचीदा कर दिया।