पैक्स चुनाव: किसानों की आवाज़, सस्ती लोन और विकास का मौका

Bihar farmers: ग्रामीण इलाकों में पैक्स चुनाव को लेकर काफी उत्साह रहता है इसका मुख्य कारण यह है कि पैक्स (प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति) किसानों को सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराती है जिससे वह अपनी खेती के कार्यों को आगे बढ़ा सके

Bihar farmers:केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के अधीन समिति

एस समिति केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आता है। पैक्स के जरिए किसानों को न केवल आर्थिक मदद मिलती है, बल्कि यह उनके विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

Bihar farmers:नीति और पैक्स चुनाव

पैक्स चुनाव ग्रामीण राजनीति से भी जुड़ा होता है। ग्रामीण इलाकों के नेता और कई राजनीतिक दल इन चावन में सक्रिय रहते हैं, क्योंकि पैक्स समितियां गांव के आर्थिक और सामाजिक ढांचे का हिस्सा है। यह चुनाव किसने के बीच उनकी समस्याओं को हल करने के लिए एक बड़ा मंच भी होता है।

Bihar farmers:बिहार में पैक्स चुनाव की तैयारी

बिहार में पैक्स चुनाव पांच चरणों में होने वाले हैं पहले चरण की वोटिंग 26 नवंबर को होगी और अंतिम चरण 3 दिसंबर को संपन्न होगा राज्य निर्वाचन प्राधिकरण ने गृह विभाग और पुलिस से चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा है।  इसके साथ ही 16 अक्टूबर को चुनाव की तैयारी यो की समीक्षा के लिए एक बैठक भी आयोजित की जाएगी।

यह चुनाव केवल लोन देने वाली संस्था का ही नहीं है, बल्कि यह किसानों के लिए एक अवसर है। जिससे वह अपनी स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।

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