2017 के चर्चित उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को फिलहाल निलंबित कर दिया है।
सजा के खिलाफ दायर की गई थी अपील
कुलदीप सिंह सेंगर ने अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। साथ ही उन्होंने अपील लंबित रहने तक सजा पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
15 लाख के मुचलके पर रिहाई
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जेल से रिहा किया जाए। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत पूरी तरह शर्तों के अधीन होगी।
पीड़िता से दूरी बनाए रखने का निर्देश
कोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर पीड़िता के निवास स्थान के पांच किलोमीटर के दायरे में प्रवेश नहीं करेगा और किसी भी स्थिति में उससे संपर्क स्थापित नहीं करेगा।
दिल्ली में ही रहने की शर्त
अदालत के आदेश के अनुसार, जमानत अवधि के दौरान सेंगर को दिल्ली में ही रहना होगा। इसके साथ ही उसे अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करना अनिवार्य होगा।
हर सप्ताह पुलिस के सामने हाजिरी जरूरी
हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि कुलदीप सिंह सेंगर को प्रत्येक सोमवार को संबंधित पुलिस थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट करना होगा, ताकि उसकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।
शर्तों के उल्लंघन पर जमानत रद्द
अदालत ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन होने पर सेंगर की रिहाई तुरंत रद्द कर दी जाएगी और उसे दोबारा हिरासत में लिया जा सकता है।
