प्रयागराज के मदरसा जामिया हबीबिया को प्राधिकृत विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने एक नया नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार, पीडीए ने मदरसे के बाहर गेट पर एक और नोटिस चस्पा किया है, जिसमें मदरसे के जिम्मेदारों को 18 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
मदरसा के बाहर गेट पर एक और नोटिस
पीडीए द्वारा जारी इस नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि अगर 18 सितंबर तक मदरसे द्वारा दिए गए जवाब संतोषजनक नहीं होते, तो मदरसे के भवन को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह नोटिस पीडीए द्वारा बकायदा जारी किया गया है, और इसके पीछे मदरसे की निर्माण मानकों और वैधता से संबंधित मुद्दे हो सकते हैं।मदरसे की इमारत 300 वर्गमीटर में बनाई गई थी, जिसमें 12 कमरे थे। पीडीए ने इसे अवैध निर्माण घोषित किया और भवन स्वामी को 15 दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब देने के लिए कहा। यदि जवाब नहीं मिलता है, तो इमारत पर बुलडोजर चलाकर इसे ध्वस्त किया जा सकता है।
18 सितंबर तक मदरसे के जिम्मेदारों देना होगा जवाब
पीडीए का यह कदम स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है, और मदरसे के जिम्मेदार व्यक्ति जल्द से जल्द संतोषजनक जवाब देने की तैयारी में हैं। इस स्थिति को लेकर मदरसे के बाहर और आसपास के क्षेत्रों में हलचल और चिंताओं का माहौल बना हुआ है।
इस मामले ने न केवल मदरसे के अवैध संचालन और नकली नोट छापने की साजिश का पर्दाफाश किया, बल्कि जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की लापरवाही को भी उजागर किया है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को इस पर नजर रखनी चाहिए थी, लेकिन वे जानबूझकर अनजान बने रहे। अब जब सच्चाई सामने आई है, तो इन अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। अगर संतोषजनक जवाब न मिला तो जल्द ही बुलडोजर की कार्रवाई भी की जा सकती है, जिससे अवैध निर्माण और कानून के खिलाफ चल रही गतिविधियों पर सख्त कदम उठाया जाएगा।