बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग उठ रही है। यह मांग जदयू के प्रदेश महासचिव छोटू सिंह द्वारा पटना में सीएम आवास, जदयू दफ्तर और अन्य स्थानों पर पोस्टर लगाकर की गई। इन पोस्ट में नीतीश कुमार को एक विख्यात सामाजिक और बिहार के विकास पुरुष के रूप में दर्शाया गया है। छोटू सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनकी आदित्य योगदान के लिए भारत रत्न दिया जाना चाहिए।
राजनीतिक बयानबाजी शुरू
इन पोस्टों के लगने के बाद बिहार में राजनीतिक बयान बाजी शुरू हो गई है । राजद ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा की बिहार में पुल और सड़के गिर रहे हैं, और इसके लिए नीतीश कुमार को सम्मान मिलना चाहिए। रजत के प्रवक्ताओं ने यह भी कहा कि बिहार की हालत सुधारने के बजाय सरकार जनता का असल मुद्दे से ध्यान भटकने की कोशिश कर रही है।
जेडीयू की राज्य कार्यकारिणी बैठक
जेडीयू ने 5 अक्टूबर 2024 को अपनी राज्य कार्यकारिणी बैठक बुलाई है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक से पहले पटना के कई चौराहों पर पोस्टर लगाए गए, जिम नीतीश कुमार को “चाणक्य” के रूप में दिखाया गया। जदयू के नेता छोटू सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की ईमानदारी प्रशासनिक कुशलता के मुकाबले कोई नहीं कर सकता और उन्होंने बिहार की तस्वीर को बदलने में महत्वपूर्ण काम किए हैं जिसके लिए उन्हें भारत रत्न जैसे महान सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए।
विपक्ष का तीखा हमला
JDU के इस पोस्ट पर विपक्ष नीति की प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा कि अगर किसी बिहार को भारत रत्न मिलता है तो एक औरत की बात है, लेकिन इस तरह की मांग उठाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वही रजत प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, कि क्या मांग जनता को गुमराह करने का प्रयास है और बिहार की असली समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश है।
भाजपा ने भी दी प्रतिक्रिया
बीजेपी व्यवस्था नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर बिहार को जंगल राज से सुशासन में बदला है। उन्होंने कहा कि यह मांग गलत नहीं है, क्योंकि नीतीश कुमार ने बिहार को अंधेरे से बाहर निकाल कर विकास की राह पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।