नवरात्रि का तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, मंत्र और आरती

Navratri 2024: आज तीसरा नवरात्र है जिसे मां चंद्रघंटा दुर्गा माता के नौ रूपों में तीसरी शक्ति का प्रतीक के रूप में मनाया जाएगा । जिनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन होती है । मां चंद्रघंटा को उनके मस्तक पर अध्र चंद्र धारण करने के कारण यह नाम प्राप्त हुआ । वह अपने भक्तों को शक्ति, साहस और शांति प्रदान करते हैं।

Navratri 2024:मां चंद्रघंटा की पूजा का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, मां चंद्रघंटा की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 11:46 से 12:33 तक रहेगा। इस समय पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है मां की कृपा भी बरसती है।

 Navratri 2024:मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

मां चंद्रकांता की पूजा के लिए सबसे पहले स्नान कर साफ सुथरा कपड़े पहने, फिर माता चंद्रघंटा का ध्यान और स्मरण करें । माता की मूर्ति को लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करें। कुमकुम और अक्षत का प्रयोग करें और मां के ऊपर करें। पूजा विधिपूर्वक करने और मां को पीले का फूल अर्पित करें देवी को मिठाई और दूध से बनी खीर अर्पित करें क्योंकि उनका यह विशेष भोग होता है। पूजा के दौरान दुर्गा सरस्वती का पाठ और माता की आरती करे।

Navratri 2024:मां चंद्रघंटा की पूजा का मंत्र

मां चंद्रघंटा की पूजा के दौरान निम्नलिखित मित्रों का जाप किया जाता है।

पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

 

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:॥

 

Navratri 2024:मां चंद्रघंटा की आरती

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।

पूर्ण कीजो मेरे काम।

 

चंद्र समान तू शीतल दाती।

चंद्र तेज किरणों में समाती।

 

क्रोध को शांत बनाने वाली।

मीठे बोल सिखाने वाली।

 

मन की मालक मन भाती हो।

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।

 

सुंदर भाव को लाने वाली।

हर संकट में बचाने वाली।

 

हर बुधवार जो तुझे ध्याये।

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय।

 

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।

 

शीश झुका कहे मन की बाता।

पूर्ण आस करो जगदाता।

 

कांची पुर स्थान तुम्हारा।

करनाटिका में मान तुम्हारा।

 

नाम तेरा रटू महारानी।

भक्त की रक्षा करो भवानी।

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