जम्मू-कश्मीर: उमर अब्दुल्ला सरकार ने राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव किया पास

Jammu and Kashmir :जम्मू-कश्मीर की नवस्थापित सरकार ने राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव को गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे प्रस्ताव सौंपा जाएगा। यह प्रस्ताव जल्द ही प्रधानमंत्री को प्रस्तुत करने के लिए उमर अब्दुल्ला दिल्ली जाएंगे।

Jammu and Kashmir :चुनावी प्रतिज्ञा को पूरा किया

चुनाव के दौरान उमर अब्दुल्ला ने वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव कैबिनेट की पहली बैठक में ही पारित किया जाएगा। 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के अगले दिन ही उन्होंने यह प्रतिज्ञा पूरी की।

Jammu and Kashmir :अनुच्छेद 370 को हटा देने के बाद स्थिति

2019 में 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया, जिससे राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हो गया था। इसके बाद राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नामक दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। इस कदम से जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन हुआ, क्योंकि राज्य का दर्जा भी छीन लिया गया था।

Jammu and Kashmir :PDP का असंतोष

PDP ने उमर अब्दुल्ला के राज्य का दर्जा बहाल करने के फैसले की आलोचना की है। PDP ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने चुनाव के दौरान अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा किया था, लेकिन अब सिर्फ राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव है। PDP विधायक वहीद पर्रा ने कहा कि उमर का यह कदम 5 अगस्त 2019 के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन करने के समान है, जो कश्मीरी जनता के हितों के खिलाफ है। PDP का मानना है कि राज्य का दर्जा बहाल करने और अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की आवश्यकता थी।

Jammu and Kashmir :प्रस्ताव के बाद कानूनी कार्यवाही

1. प्रस्ताव कैबिनेट से पास होने के बाद— कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर प्रस्ताव उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार की कार्रवाई इसके बाद निर्भर करेगी।

2. राज्य सरकार की भूमिका केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को संसद में बदलना होगा ताकि राज्य का दर्जा बहाल हो सके। यह बदलाव करने से राज्य का दर्जा वापस मिल सकेगा।

3. कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद— संसद से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर सूचना दी जाएगी। अधिसूचना जारी करने का दिन

Jammu and Kashmir :राज्य का दर्जा बहाल

राज्य का दर्जा बहाल होने से प्रशासनिक और राजनीतिक स्थिति राज्य का दर्जा बहाल होने से जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति में महत्वपूर्ण परिवर्तन होगा। राज्य सरकार अधिक स्वतंत्र होगी और दिल्ली पर कम निर्भर होगी। यह कदम राज्य की स्वतंत्रता को बढ़ाता है, लेकिन इसके साथ ही राज्य की पार्टियों और नेताओं के बीच मतभेद भी बढ़ सकते हैं। PDP जैसी पार्टियां अभी भी अनुच्छेद 370 को वापस लेने की मांग कर रही हैं, क्योंकि यह राज्य की राजनीति को बदल सकता है।

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