Dr. Manmohan Singh: 2013 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने भारत के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के लिए एक आपत्तिजनक बयान दिया था उन्होंने डॉक्टर सिंह को’ देहाती औरत’ और आरोप लगाया कि वह तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से उनकी शिकायत करते है। यह बयान पाकिस्तान की भारत विरोधी मानसिकता को दिखाता है। इस टिप्पणी ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है।
Dr. Manmohan Singh: नरेंद्र मोदी ने दिया नवाज़ शरीफ़ को करार जवाब
उसे समय के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में नवाज़ शरीफ़ को आड़े हाथ लिया। उन्होंने एक जनसभा में कहा ” हम अपने प्रधानमंत्री से नीतियों पर बहस कर सकते हैं, लेकिन नवाज शरीफ की यह औकात नहीं कि वह हमारे प्रधानमंत्री का अपमान करें। वह 125 करोड़ भारतीयों के प्रधानमंत्री हैं। नवाज़ शरीफ़ को यह समझना चाहिए कि भारत अपने नेताओं का सम्मान करना जानता है “।
Dr. Manmohan Singh: भारतीय पत्रकारों पर उठाए गए सवाल
मोदी ने उन भारतीय पत्रकारों पर भी नाराजगी जाहिर की जो नवाज शरीफ के बयान के समय वहां मौजूद थे। उन्होंने कहा” जो पत्रकार वहां बैठे थे, उन्हें नवाज शरीफ की मिठाई ठुकरा देनी चाहिए थी। यह देश के सम्मान की बात है। किसी को भी हमारे प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी सरकार नहीं करनी चाहिए “।
Dr. Manmohan Singh: मनमोहन सिंह की गरिमा और उनका कार्यकाल
डॉ मनमोहन सिंह को उनकी शालीनता और दूरदर्शी फसलों के लिए जाना जाता है। उनके कार्यकाल में भारत -अमेरिका के संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। उनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौता हुआ, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत हुई। पाकिस्तान को भारत अमेरिका की दोस्ती से चिढ थी, और शायद यही नवाज शरीफ के बयान का कारण बना।
बराक ओबामा ने की थी मनमोहन सिंह की प्रशंसा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब में मनमोहन सिंह को भारत की अर्थव्यवस्था का महान इंजीनियर बताया। उन्होंने कहा” जब भारत के प्रधानमंत्री बोलते हैं, तो पूरी दुनिया ध्यान से सुनती है। ” यह बयान मनमोहन सिंह के वैश्विक शब्द और भारत के प्रति उनके योगदान को दर्शाता है।
नवाज शरीफ की सफाई और फजीहत
नवाज़ शरीफ़ को अपने विवादित बयान पर भारी आलोचना झेलनी पड़ी। उन्होंने बाद में दावा किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा, लेकिन उनकी सफाई किसी ने नहीं मानी। इस घटना ने उनकी छवि को गहरी चोट पहुंचाई। यह मामला उनके भारत विरोधी रवैया और गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों का उदाहरण बन गया।
देश के सम्मान की रक्षा का मुद्दा
इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि भारत अपने नेताओं को सम्मान करना अच्छी तरह से जानता है। नरेंद्र मोदी का यह तीखा बयान न केवल डॉक्टर मनमोहन सिंह की गरिमा की रक्षा था, बल्कि यह देश के आत्मसम्मान और एकजुटता का प्रतीक भी बन गया।