Darbhanga: मिथिला की शान, संस्कृति के संग विकास की नई पहचान

Darbhanga

Darbhanga: बागमती नदी के तट पर बसा उत्तर बिहार का प्रमुख शहर दरभंगा न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, बल्कि इसे बिहार की सांस्कृतिक राजधानी और मिथिला का हृदय भी कहा जाता है। रामायण काल से अपनी पहचान रखने वाला यह शहर इतिहास, परंपरा, शिक्षा और आधुनिकीकरण — चारों को अपने भीतर समेटे हुए है।

दरभंगा राज : वैभव से भरा इतिहास

दरभंगा राज की स्थापना 16वीं सदी की शुरुआत में मैथिल ब्राह्मणों द्वारा की गई थी। इसके संस्थापक राजा महेश ठाकुर थे, जबकि अंतिम शासक महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह रहे, जिनके समय में दरभंगा ने आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्रों में ऊँचाइयाँ हासिल कीं।

उनके शासनकाल में उद्योग—धंधों का तेज विकास हुआ, जिसमें चीनी मिल, कागज मिल व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान शामिल थे। शिक्षा को विशेष महत्व देने वाले दरभंगा राज ने क्षेत्र में कई बड़े शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण में अहम भूमिका निभाई।

Darbhanga: जिले की स्थापना और पहचान

दरभंगा जिले का गठन 1 जनवरी 1875 को किया गया था। लगभग 2300 वर्ग किलोमीटर में फैला यह जिला करीब 40 लाख की जनसंख्या वाला है। यहां की मुख्य भाषा मैथिली है, जिसे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त है। इस भाषा की मिठास और गौरव पूरे देश में पहचाना जाता है।

Darbhanga: दरभंगा की विशेष पहचान

आज आधुनिक समय में दरभंगा की पहचान कई क्षेत्रों से जुड़ी हुई है:

✔ मछली और मखाना का विशाल कारोबार
✔ विश्वभर में प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग
✔ सिक्की घास से बने हस्तशिल्प
✔ उत्तर बिहार का उभरता मेडिकल हब

यहां स्थित दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) पूरी उत्तर बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्र में है। इसके अलावा राज्य का दूसरा AIIMS भी यहीं प्रस्तावित है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएँ और मजबूत होने की उम्मीद है।

शिक्षा का केंद्र : एक ही कैंपस में दो विश्वविद्यालय

दरभंगा का शैक्षिक महत्व भी कम नहीं है। यहां एक ही कैंपस में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) और कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय स्थित हैं। साथ ही मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय समेत कई शिक्षण संस्थान शहर को ज्ञान का केंद्र बनाते हैं। दरभंगा ने कई विद्वान और प्रतिभाएं देश—दुनिया को दी हैं।

Darbhanga: पर्यटन और ऐतिहासिक धरोहरें

दरभंगा शहर में इतिहास और आध्यात्मिक स्थलों की भरमार है, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं:

दरभंगा किला: इसकी उंचाई दिल्ली के लाल किले की दीवारों से तकरीबन 4 फीट अधिक
चंद्रधारी संग्रहालय: दरभंगा राज की ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह
महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय: कीमती धरोहरों और शाही विरासत का केंद्र
श्यामा माई मंदिर: हाराजा रामेश्वर सिंह की चिता स्थल पर निर्मित
नरगौना पैलेस: भारत का पहला भूकंपरोधी भवन
आनंद बाग पैलेस : दरभंगा राज का राजमहल, वर्तमान में विश्वविद्यालय परिसर
अहिल्या स्थान: वह पवित्र स्थल जहां भगवान राम ने देवी अहिल्या का उद्धार किया
कुशेश्वरस्थान महादेव मंदिर: मान्यता है कि भगवान राम के पुत्र कुश ने शिवलिंग स्थापित किया
दरभंगा तारामंडल: बिहार का दूसरा तारामंडल-सह-विज्ञान संग्रहालय

Darbhanga: रेल और फ्लाइट से देश से जुड़ा

दरभंगा उत्तर भारत के सबसे बेहतर कनेक्टिविटी वाले शहरों में शामिल है। यहां से देश के अधिकांश बड़े शहरों के लिए डायरेक्ट ट्रेन सेवा उपलब्ध है। साथ ही, दरभंगा एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, अयोध्या सहित कई शहरों के लिए नियमित फ्लाइट सेवाएं मिलती हैं।

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