बिहार के खेल क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। राज्य में तलवारबाजी (फेंसिंग) का ओलिंपिक ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस प्रस्ताव को केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को स्वीकृति प्रदान की।
दिल्ली में आयोजित बैठक के दौरान बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यह प्रस्ताव रखा, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने तुरंत सहमति जताई।
बैठक के दौरान खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और राज्य मंत्री रक्षा एन. खडसे को खेलों के क्षेत्र में बिहार सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारात्मक प्रयासों और उपलब्धियों से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण, संसाधन और अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
2028 यूथ नेशनल गेम्स की मेजबानी करेगा बिहार
बिहार को खेल जगत में एक और बड़ी जिम्मेदारी मिली है। राज्य को पहली बार यूथ नेशनल गेम्स की मेजबानी सौंपी गई है। यह राष्ट्रीय स्तर का आयोजन वर्ष 2028 में बिहार में आयोजित होगा।
भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस संबंध में खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने उनसे औपचारिक मुलाकात भी की।
चीन के स्पोर्ट्स एक्सपो में शामिल होगी बिहार की टीम
खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने अगले वर्ष मई में चीन में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स एक्सपो में बिहार की भागीदारी का प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा।
डॉ. मनसुख मंडाविया ने इस पर सहमति देते हुए कहा कि केंद्र और बिहार सरकार के अधिकारी संयुक्त रूप से इस एक्सपो में भाग लेंगे, जिससे अंतरराष्ट्रीय खेल तकनीक और प्रशिक्षण प्रणालियों को समझने में मदद मिलेगी।
खेल मंथन शिविर में बिहार को मिला विशेष आमंत्रण
केंद्रीय खेल मंत्री ने जनवरी में प्रस्तावित खेल मंथन शिविर में बिहार की खेल मंत्री, खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया।
इस शिविर में मिशन ओलिंपिक के तहत नए ओलिंपिक ट्रेनिंग सेंटर, खिलाड़ियों की तैयारी और पदक संभावनाओं पर देशभर के विशेषज्ञों के साथ मंथन किया जाएगा।
बिहार की सांस्कृतिक विरासत से हुआ सम्मान
बैठक के समापन पर खेल मंत्री श्रेयसी सिंह और बीएसएसए के महानिदेशक ने केंद्रीय मंत्री को मधुबनी पेंटिंग से सजी साड़ी, अंग वस्त्र और बोधि वृक्ष का प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
