भारतीय आईटी सेक्टर में लंबे समय बाद रिकवरी के संकेत दिखने लगे हैं। कमजोर ग्लोबल डिमांड और आईटी खर्चों में कटौती के दौर के बाद अब निवेशकों की नजर इस बात पर टिकी है कि कौन-सी आईटी कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को सिर्फ रणनीति नहीं, बल्कि कमाई के जरिये में बदलने में सफल हो रही है। ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, टेक सर्विसेज सेक्टर अब AI के प्रयोगात्मक चरण से निकलकर वास्तविक क्रियान्वयन के दौर में प्रवेश कर चुका है। इसी बदलाव के बीच HCL Technologies और Infosys को लेकर निवेशकों में चर्चा तेज है।
HCL Technologies: AI और मजबूत डील पाइपलाइन से मिला सहारा
HCL Technologies मौजूदा माहौल में अन्य आईटी कंपनियों की तुलना में बेहतर स्थिति में नजर आती है। कंपनी ने अपने सर्विसेज बिजनेस के लिए 4 से 5 प्रतिशत की कॉन्स्टेंट करेंसी ग्रोथ का अनुमान दिया है, जिसे मौजूदा मांग परिदृश्य में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
AI आधारित समाधान, डेटा मॉडर्नाइजेशन और क्लाउड माइग्रेशन जैसे प्रोजेक्ट्स से HCL को लगातार नए ऑर्डर मिल रहे हैं। खास बात यह है कि कंपनी के इन-हाउस AI प्लेटफॉर्म्स अब सीधे तौर पर रेवेन्यू में योगदान देने लगे हैं, जिससे ग्रोथ की दृश्यता बेहतर हुई है।
हालांकि वेतन वृद्धि और संगठनात्मक पुनर्गठन से निकट अवधि में मार्जिन पर हल्का दबाव बना रह सकता है, लेकिन मजबूत डील फ्लो और ऑपरेशनल एफिशिएंसी इस असर को काफी हद तक संतुलित करती दिख रही है। इसी आधार पर ब्रोकरेज ने HCL Tech के लिए ₹2150 का टार्गेट प्राइस तय किया है।
Infosys: मजबूत बुनियाद, लेकिन रफ्तार पर ब्रेक
Infosys को लेकर तस्वीर थोड़ी सतर्कता की मांग करती है। कंपनी के पास बड़े डील ऑर्डर मौजूद हैं और एंटरप्राइज AI तथा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट्स में उसकी पकड़ बनी हुई है, लेकिन इन डील्स का रेवेन्यू में तब्दील होना अपेक्षा से धीमा है।
मैनेजमेंट के संकेत बताते हैं कि विवेकाधीन आईटी खर्च अभी भी दबाव में है, जिससे वॉल्यूम ग्रोथ सीमित बनी हुई है। मार्जिन को बचाने के लिए कंपनी लागत नियंत्रण और प्राइसिंग डिसिप्लिन पर जोर दे रही है, लेकिन जब तक मांग में व्यापक सुधार नहीं होता, तब तक तेज ग्रोथ की उम्मीद करना मुश्किल है। इसी वजह से Infosys पर ₹2150 के टार्गेट प्राइस के साथ फिलहाल न्यूट्रल रुख रखा गया है।
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
आईटी सेक्टर की कहानी अब “खर्च कटौती और इंतजार” से आगे बढ़कर “तैयारी और क्रियान्वयन” की ओर बढ़ रही है। जिन कंपनियों के पास मजबूत डिजिटल कोर, डेटा क्षमताएं और AI आधारित समाधान हैं, वे इस बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा उठा सकती हैं।
मौजूदा परिदृश्य में HCL Technologies निकट अवधि में बेहतर अवसर प्रदान करती दिखती है, जबकि Infosys में लंबी अवधि की मजबूती के बावजूद फिलहाल धैर्य रखना निवेशकों के लिए समझदारी भरा कदम हो सकता है।
