BRICS 16वीं समिट: नए सदस्यों के साथ आर्थिक शक्ति का विस्तार और बहुपक्षवाद पर जोर

BRICS: समिट का आयोजन और सदस्य BRICS की 16वी समिट 23,24 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान में हो रही है। इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन कर रहे हैं। इसमें रूस, चीन, ब्राजील,भारत और दक्षिणी अफ्रीका के अलावा नए सदस्य जैसे ईरान, यूएई,  मिस्र और इथियोपिया भी भाग ले रहे हैं। इस समिट में 28 देश के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

BRICS: विस्तार और आर्थिक शक्ति

BRICS समूह ने यूरोपीय यूनियन(EU) ग्लोबलGDP मैं 27% हिस्सेदारी के साथ तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनकर उभरा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ाना खासकर वैश्विक दक्षिण ( ग्लोबल साउथ) के देशों में। इस बार के शिखर सम्मेलन में नए सदस्यों के जोड़ने से समूह की शक्ति और भी बड़ी है। UAE जैसे देश जो तेजी से विकसित हो रहे हैं इस संगठन के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

 BRICS: समिट का एजेंडा: बहु पक्ष वाद और वैश्विक सुरक्षा

इस बार समिट का मुख्य विषय स्ट्रेंथिंग मल्टीलिज्म फॉर जस्ट ग्लोबल डेवलपमेंट एंड सिक्योरिटी’हैँ इसका मकसद वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए बहू पक्षियों सहयोग को मजबूत करना हैBRICS के सदस्य देश वैश्विक विकास और सुरक्षा में अहम योगदान देने पर चर्चा कर रहे हैं।

BRICS: नया पेमेंट सिस्टम और करेंसी पर चर्चा

रूस और अन्य सदस्य देश अमेरिका और पश्चिमी देशों की तरफ से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के जवाब में ‘ डेड़ोल राइजेशन ‘ और एक वैकल्पिक पेमेंट सिस्टम की चर्चा कर रहे हैं। तो रूस ने एक नए BRICS पेमेंट सिस्टम की शुरुआत का प्रस्ताव रखा जो SWIFT सिस्टम का विकल्प बन सकता है हालांकि नए करेंसी सिस्टम पर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है।

BRICS:  भारत का संतुलन कारी रुख

BRICS यह विस्तार के बावजूद भारत इसमें संयम से कदम उठा रहा है। भारत में नए सदस्यों का स्वागत किया है लेकिन पाकिस्तान जैसे “एंटी इंडिया” एजेंट वाले देशों की सदस्यता को लेकर सतर्क है। भारत इस मंच को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक नेतृत्व के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखा है।

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