Chirag Paswan:पारस का एनडीए से गठबंधन तोड़ा, क्या है चिराग की सियासी चाल?

Chirag Paswan: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच जुबानी जंग अब खुलकर सामने आ गई है। एक तरफ जहां चिराग पासवान ने एनडीए में अपने 86 स्थिति को मजबूत किया है, वहीं पशुपति पारस इस जंग में अब तक कहीं ना कहीं हा शिए पर नजर आ रहे हैं। पशुपति पारस ने हाल नहीं चिराग पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने यह तो कह दिया कि चिराग ने उनके बड़े भाई रामविलास पासवान को उनके अंतिम समय में उनसे मिलने नहीं दिया। यह बयान अब सियासी हलकों में काफी चर्चा का विषय बन गया है।

Chirag Paswan: पशुपति पारस ने चिराग को बताया “चांडाल “

पशुपति पारस ने लोजपा के स्थापना दिवस के मौके पर खरकिया जिले के शहर बन्नी गांव मे आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने चिराग पासवान पर जमकर हमला बोला। बिना नाम लिए,पारस ने चिराग को ‘चांडाल’ तक कह दिया। उन्होंने कहा “इसी चांडाल के कारण हम अपने बड़े भाई, जो भगवान के समान थे, से अंतिम समय में मिल नहीं पाए।” पारस में यदि आरोप लगाया कि कोरोना महामारी का हवाला वाला देकर चिराग ने उनके परिवार को रामविलास पासवान से मिलने से रोक दिया, सबकी वह चाहते थे कि पूरा परिवार अपने भाई से आखरी समय में मिले। पारस का कहना था कि रामविलास पासवान अंतिम समय में अपने परिवार के लोगों को ढूंढ रहे थे, लेकिन चिराग ने उन्हें अनुमति नहीं दी।

Chirag Paswan: चिराज पासवान का पलटवार : ‘ वे कभी एनडीए का हिस्सा नहीं थे ‘

पशुपति पारस के बयान के बाद चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। चिराग ने कहा कि पारस कभी भी एनडीए का हिस्सा नहीं थे, इसलिए उनका यह दावा कि वे एनडीए से अलग हो गए हैं, बिल्कुल गलत है। शराब ने यह भी कहा कि पारस को कभी भी एनडीए की बैठक में बुलाया नहीं गया, तो वह कैसे खुद को एनडीए का हिस्सा मान सकते हैं? चिराग ने सीधे तौर पर कहा कि अगर पारस को एनडीए का हिस्सा मानते हैं तो उन्हें गठबंधन का हिस्सा बनकर दिखाना चाहिए। चिराग में आ गई यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में पहले ही अलग हो गए थे, और अब विधानसभा चुनाव में भी उन्हें कोई जगह नहीं दी जा रही है।

Chirag Paswan: हाजीपुर सीट विवाद : चाचा भतीजे का सियासी टकराव

2024 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट को लेकर चिराग और पारस के बीच विवाद बढ़ गया है।हाजीपुर सीट में सीट है, जो पहले रामविलास पासवान की थी। पशुपति पारस ने एक सीट से 2019 के चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन अब चिराग ने इस सीट से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। डरावने कहा कि वह सीट से ही चुनाव लड़ेंगे, जबकि पारस भी इस सीट पर अपनी दावेदारी जता रहे हैं। आखिरकार, चिराग ने हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। वही, पारस को किसी भी सीट पर दावेदारी नहीं मिली।

 एनडीए में चाचा के लिए कोई जगह नहीं : चिराग ने किया खुलासा

रागिनी आरोप लगाया कि एनडीए में चाचा पशुपति पारस की पार्टी का कोई वजूद नहीं रह गया है। चिराग का कहना था कि जब पारस को एनडीए की बैठक में बुलाया ही नहीं जाता तो वह खुद को एनडीए का हिस्सा कैसे मान सकते हैं। रागिनी यदि कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान वह पहले ही एनडीए से अलग हो चुके थे और अब विधानसभा चुनाव में भी उन्हें पार्टी की तरफ से कोई जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है।

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