Lucknow BDO Retirement: राजधानी लखनऊ के चिनहट ब्लॉक में खंड विकास अधिकारी (बीडीऒ ) नरेंद्र बाबू ने रिटायर होने वाले दिन 34 विकास कार्य को मंजूरी दे दी। 30 सितंबर 2024 को रिटायर होना था और इसी दिन उन्होंने कुल 1.65 करोड रुपए के अप्रत्याशित कामों को स्वीकृति दे दी । इस पर सवाल उठता है कि क्या इस मंजूरी को क्या कोई उचित कारण था, खासकर जब इसके लिए बजट ही नहीं था।
Lucknow BDO Retirement: नियमों की हुई अनदेखी
बीडीओ नरेंद्र बाबू ने 34 पक्के कामों की स्वीकृति दे दी, जो शासनदेश के अनुसार मंजूरी और निर्माण का अनुपात 60-40 का नहीं था। बजट नहीं होने के बावजुड़ उन्होंने वित्त और प्रशासनीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी।नियम अनुसार 60% कार्य शम से और 40% निर्माण से होना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इसका पालन नहीं किया। जांच रिपोर्ट में इसे नियमों की अनदेखी और दूषित भावना से जोडकर देखा गया है।
Lucknow BDO Retirement: जांच और रोक के आदेश
मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन ने मामले की शुरूआती जांच कराई और तत्काल प्रभाव से सभी कामों की फाइल रोक दीं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया की जिन ठेकेदारों और संस्थाओं को कम दिया गया है, उन्हें तत्काल कम बंद करने के आदेश दे दिये गए। इसके अलावा, मस्टररोल जारी करने की सामग्री खरीदने पर भी रोक लगा दी गई हैं।
विस्तर से जांच के आदेश
जिला विकास अधिकारी के अध्यक्षता से विस्तृत जांच के लिए कमिटी बनाई गई है। इसमें जिला ग्राम विकास अभिकरण का परीयोजना निर्देशक भी शामिल है। जांच रिपोर्ट के बाद मामले में कठोर कार्यवाही की जाएगी।