नवरात्रि 2024: मां कूष्मांडा पूजा का शुभ मुहूर्त, मंत्र और आरती

Maa Kushmanda:नवरात्रि के नौ दिनों में चौथा दिन मां कूष्मांडा माता को अर्पित होता है । मां कूष्मांडा को सृष्टि की रचयिता माना जाता है कहा जाता है कि पुरा संसार में अंधकार था, जब मां ने अपनी हंसी से ब्रह्मांड की रचना की। मां “कूष्मांडा” का अर्थ है “कुम्हड़ा” और देवी को कुम्हड़ा अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। मां कूष्मांडा अपने भक्तों को निरोगी काया , दीर्घायु और सुख ,समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

Maa Kushmanda:मां कूष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त सुबह 6:16 a.m से 8:46 a.m तक रहेगा। इस समय में मां की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। यह मुहूर्त अत्यंत शुभ माना जाता है और इस समय में की गई पूजा में मां शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

Maa Kushmanda:मां कूष्मांडा की पूजा विधि

मां कूष्मांडा की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करके स्वस्थ और साफ वस्त्र धारण करें और पूजा के स्थान को साफ करें। पूजा स्थल पर एक कलश स्थापित करें और उसके ऊपर मां कूष्मांडा की प्रतिमा या तस्वीर रखें। इसके बाद  फल, फूल, धूप ,कुमकुम, अक्षत, नारियल, मिठाई और सारे फलों का भोग अर्पित करे। विशेष रूप से कुम्हड़ा अर्पित करना शुभ माना जाता है। पूजा में ध्यान केंद्रित करते हुए मां कूष्मांडा का ध्यान करें और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।

Maa Kushmanda:मां कूष्मांडा का विशेष मंत्र 

बीज मंत्र:

“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्माण्डायै नमः”

मां कूष्मांडा का मंत्र:

“सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्मांडा शुभदास्तु मे॥”

मां कूष्मांडा की आरती

 

ॐ जय कूष्मांडा माता

जय कूष्मांडा माता, मैया जय कूष्मांडा माता।

ब्रह्माण्ड की रचयिता, जग में ज्योति फैलाता॥

ॐ जय कूष्मांडा माता…

जो साधक ध्यान लगाते, सब सुख संपत्ति पाते।

जो साधक शरण में आते, सब बाधाए हर जाति।।

ॐ जय कूष्मांडा माता….

 

तू कुम्हाड़ा प्रिय माना, फल में बात करते नाना।

जो भक्त सच्चे मन से, सेवा का फल पता।।

ॐ जय कुष्मांडा माता….

 

तेरी जय जय गाते , भक्ति नित नए सुख पाते ।

संतानहीन नारी को, संतान प्राप्त हो जाती।।

ॐ जय कुष्मांडा माता….

 

रोग और कष्ट मिटे, और मनचाहा फल पाए।

जो भी करें सच्चे मन से, भवसागर तर जाता।।

ॐ जय कुष्मांडा माता…..

 

विनती है यह हमारी, मुझ पर दया हो भारी।

सेवा भक्ति हमारी, स्वीकार करो माता।।

ॐ जय कुसमुंडा माता…..

जो साधक श्रद्धा से मां की आरती करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में समृद्धि और शांति का वास होता है।

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