Noida pollution: नोएडा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक बन चुका है। यहां हवा में जहर इतना खुल चुका है कि लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। खासतौर पर बुजुर्ग, बच्चों और सांस के मरीजों को गंभीर दिक्कत हो रही है। अस्पताल में आंखें और सांस की समस्या वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है
Noida pollution: हर तीसरे मरीज सास की तकलीफ से जूझ रहा है
सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में हर दिन करीब 30% मैरिज सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टर ने सलाह दी है कि बिना डॉक्टर की सलाह कोई दवा ना लें और सावधानी बरतें। डॉक्टर ने सलाह दी है कि आँख और सांस के मैरिज ज्यादा से ज्यादा चश्मा का यूज़ करें और बाहर जाने से बचें।
Noida pollution: दिल्ली में 500 के करीब पहुंचा AQI
दिल्ली में एनसीआर में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI 484 है,जबकि अलीपुर इलाके में यह 500 तक पहुंच गया है। AQI की इस रिपोर्ट को अधिक ही खतरनाक माना गया है, क्योंकि यह सभी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
नोएडा गाजियाबाद में भी खतरनाक हालत
नोएडा में औसत AQI 420 दर्ज किया गया है। सबसे खतरनाक स्थिति सेक्टर 62 की है, जहां AQI 487 तक पहुंच गया। ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी हालत खराब है। लोनी का AQI 499, इंदिरापुरम में 430 और वसुंधरा का 473 है।
कैसे करें बचाव?
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण से बचने के लिए घर में रहे, मास्क पहने, और बाहर की गतिविधियां कम करें।बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है क्योंकि प्रदूषण का असर उन पर अधिक दिख रहा है। अस्पतालों में देखा गया है कि बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर ज्यादा पड़ रहा है, इसीलिए सरकार नें नर्सरी से 6 तक के स्कूलों को भी बंद करने का विचार कर रहे हैं।