Power Department Scam: आजमगढ़ जिले के सगडी सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हृदय नारायण सिंह पटेल ने विधानसभा में बिजली विभाग की धांधली का बड़ा मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग में इंजीनियर ट्रांसफार्मर बदलने के लिए दो अलग-अलग प्राक्कलन (एस्टीमेट)बनाते हैं। विधायक निधि से ट्रांसफार्मर लगाने का खर्च विभागीय खर्चे से लगभग दुगना दिखाया जाता है।
Power Department Scam: स्पीकर भी रह गए हैरान
सदन में विधायक पटेल की बात सुनकर स्पीकर सतीश महाना भी हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा को मामले की जांच के निर्देश दिए। महाना ने कहा कि दोषी इंजीनियर और अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
Power Department Scam: विधायक निधि से खर्च ज्यादा क्यों?
पटेल ने बताया कि ट्रांसफार्मर बदलने के लिए जब लोग बिजली विभाग के एसडीओ या इंजीनियर से संपर्क करते हैं, तो उन्हें सलाह दी जाती है कि विभागीय प्रक्रिया से काम में देरी होगी। विधायक निधि से काम करवाने पर तेजी से ट्रांसफार्मर लग जाएंगे। लेकिन विधायक निधि से लगने वाले ट्रांसफार्मर का खर्च दुगना दिखाया जाता है।
सरकार को लगाया जा रहा चूना
विधायक नारायण सिंह पटेल ने विधानसभा में बिजली विभाग की धांधली का पर्दाफाश करते हुए आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी और इंजीनियर सरकार को बड़ा चूना लगा रहे हैं। विधायक ने कहा कि ट्रांसफार्मर बदलने के लिए दो अलग-अलग एस्टीमेट तैयार किए जाते हैं। विभागीय प्रक्रिया के तहत ट्रांसफार्मर का खर्चा कम दिखाया जाता है, जबकि विधायक निधि से ट्रांसफार्मर लगाने का खर्चा लगभग दुगना आता है।
ऊर्जा मंत्री को सख्त कार्यवाही का निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधायक पटेल के आरोपों पर गंभीरता से लेते हुए सदन में मौजूद ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा को इस मामले की तत्काल जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिस भी इंजीनियर या अधिकारी ने गलत एस्टीमेट तैयार किया है और जनता का गुमराह किया है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।