भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के क्वाड(QUAD) समूह को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। एस. जयशंकर ने कहा कि क्वाड(QUAD) बातचीत का मंच नहीं है, बल्कि एक व्यवाहरिक परिणाम देने वाला प्लेटफॉर्म है। 29 जुलाई को टोक्यो में क्वाड(QUAD) समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद एस. जयशंकर ने STIM फेलोशिप और ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं को लेकर जानकारी दी।
क्वाड(QUAD) की बैठक में क्या रहा खास?
क्वाड समूह के अन्य तीनों विदेश मंत्री की मौजूदगी में एस. जयशंकर ने कहा कि हम विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी और अंडरसी केबल कनेक्टिविटी से काम कर रहे हैं। हमने महत्वपूर्ण उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, साइबर और स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु, एसटीईएम शिक्षा, समुद्री डोमेन जागरूकता और आतंकवाद जै से अहम मुद्दों पर बात की। एस. जयशंकर ने बताया कि ओपन आरएएन नेटवर्क के बारे में हमने बहुत बात की है, उसे पलाऊ में स्थापित किया जा रहा है। मॉरीशस में जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली शुरू की जाएगी
क्वाड समूह का लक्ष्य
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि क्वाड समूह के चारों देश इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्वाड को कैसे आगे बढ़ाया जाए और अधिक तालमेल के साथ काम किया जाए। एस जयशंकर ने कहा कि हम वैश्विक भलाई के लिए लोकतांत्रिक राजनीति, अर्थव्यवस्था, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और उसके विकास को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ये एक चुनौतीपूर्ण समय है। ऐसे वक्त में सुरक्षा, प्रगति और विकास के लिए भरोसेमंद भागीदारों की आवश्यकता है। ऐसे समय में मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोगी की जरुरत होती है और क्वाड समूह इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है।