छठ गीतों की मल्लिका शारदा सिन्हा का अंतिम विदा, राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन

Sharda Sinha: लोक गायिका शारदा सिन्हा का आज छठ महापर्व के तीसरे दिन पटना के गुलबी घाट पर पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में बेटे अंशुमान ने उन्हें अंतिम अग्नि दी। इस दौरान घाट पर श्रद्धांजलि के स्वर गूंजते रहे’ शारदा सिन्हा अमर रहे ‘ के नारे और छठी मैया के जयकारे चारों ओर सुनाई दे रहे थे।

Sharda Sinha: छठ गीतों से मिली थी विशेष पहचान

शारदा सिन्हा ने अपने मधुर गीतों से छठ महापर्व को नया आयाम दिया। उनके गानों के बिना छठकी पूजा अधूरी मानी जाती है छठ पर्व के पहले दिन यानी मंगलवार को दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया था। इस अंतिम यात्रा में उनका आखिरी गाया गया छठ गीत ‘ दुखुवा मिटाई छठी मइया भी बजाया गया जो उन्होंने एम्स से ही रिलीज किया था।

Sharda Sinha: भारी मन से दी बेटे ने अंतिम विदाई

सुबह 9:00 बजे पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास से शारदा सिन्हा की अंतिम यात्रा शुरू हुई, जो गुलबी घाट पर समाप्त हुई। बेटे अंशुमान ने भारी मन से अपनी मां की आरती को कंधा दिया उनके साथ भाजपा के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव और विधायक संजीव चौरसिया भी मौजूद रहे। बड़ी संख्या में शारदा सिन्हा के प्रशंसक भी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी गुरुवार शाम उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि देंगे।

Sharda Sinha: 45 दिन पहले पति को भी इसी घाट पर दी थी विदाई

शारदा सिन्हा के पति का निधन 45 दिन पहले 22 सितंबर को हुआ था और उनका अंतिम संस्कार भी गुलबी घाट पर ही किया गया था। शारदा सिन्हा की इच्छा थी कि उन्हें भी इसी घाट पर अंतिम विदाई दी जाए। 5 अक्टूबर की रात दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया वे 72 वर्ष की थी।

Sharda Sinha: नीतीश कुमार ने दी श्रद्धांजलि

शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर फ्लाइट से पटना लाया गया था। जिसके बाद राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, यहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया।

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