The Rise of Ishan Kishan: करीब 15 साल पहले की बात है। जब बिहार के दो भाई स्कूल गेम्स फेडरेशन की टीम से मुंबई खेलने गए थे बड़े। भाई राज किशोर ओपनर थे, तो उन्हें मौका मिला लेकिन छोटे भाई ईशान को खेलने का मौका नहीं मिला ईशान निराश थे, लेकिन राज ने अपने क्रिकेट करियर को त्याग कर छोटे भाई का हौसला बढ़ाया।तब 9 साल के ईशान के एहसास हुआ कि उनका सपना बड़ा है।
The Rise of Ishan Kishan: बिहार से झारखंड तक का सफर
बिहार में क्रिकेट का बेहतर माहौल न देखकर ईशान ने झारखंड का रूख़ किया है। उन्होंने अपनी मेहनत से4-5 साल में झारखंड टीम का अहम हिस्सा बनाकर दिखाया। 2016-17 रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के खिलाफ 273 रन बनाकर सभी को चौंका दिया इस बारे में उनके 14 छक्के लगे, जो राणजी इतिहास में रिकॉर्ड है।
The Rise of Ishan Kishan: इंडिया सी के लिए चमके ईशान
2017-18 में झारखंड के लिए सबसे ज्यादा रन (484) बनाने वाले इंसान को 2018-19 में देवधर ट्रॉफी के लिए इंडिया सी टीम में चुना गया। उन्होंने फाइनल में शानदार शतक जड़ा जिससे टीम ने पहली बार खिताब जीता इशान ने हर मौके को सफलता में बदल दिया।
सौराष्ट्र मैच : ईशान के करियर का टर्निंग पॉइंट
ईशान का करियर मोड़ पर तब आया जब सौराष्ट्र के खिलाफ राजकोट मैं रणजी ट्रॉफी का मैच खेला गया खराब पिच पर झारखंड की टीम सिर्फ 168 रन पर सिमट गई। लेकिन, इंसान ने 69 गेंद में 87 रन की तूफानी पारी खेली उनके प्रदर्शन पर रविंद्र जडेजा और राहुल द्रविड़ भी प्रभावित हुए। यही परी उन्हें 2016 अंदर-19 विश्व कप में भारतीय टीम का कप्तान बनाने का कारण बनी।
ईशान को मेहनत से मिली आईपीएल में पहचान
इशान किशन के इस मेहनत और लग्न में उन्हें आईपीएल में बड़ा नाम बना दिया। हर ऑप्शन में उनके डिमांड बढ़ती गई बिहारी खिलाड़ियों का संघर्ष और सफलता का यह सफर हर युवा को प्रेरित करता है।