Hindu Swabhiman Yatra:केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ का आयोजन किया है। बिहार के सीमांचल क्षेत्र में, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल इलाकों में, हिंदू समाज को जागरूक करने और एकजुट करने के लिए यह यात्रा की जा रही है। यात्रा की शुरुआत भागलपुर से हुई और इसका किशनगंज में समापन होगा। इस दौरान कटिहार, पूर्णिया और आर्य जैसे स्थानों से यह यात्रा गुजरेगी।
Hindu Swabhiman Yatra:जदयू का कड़ा विरोध
मुख्यमंत्री नितेश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इस यात्रा का खुलकर विरोध किया है। जेडीयू ने नेता नीरज कुमार ने गिरिराज सिंह पर तज कसते करते हुए कहा कि इस तरह की यात्राएं संविधान की भावना के खिलाफ है, जो धर्म और जाति से ऊपर उठकर काम करने की बात करता है। नीरज ने गिरिराज को याद दिलाया कि बिहार में मंदिर और मस्जिद दोनों शांति से चल रहा है और ऐसे में इस तरह की यात्राओं की कोई जरूरत नहीं है।
Hindu Swabhiman Yatra:कांग्रेस की प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस ने इस यात्रा को नौटंकी कहते हुए इसे हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया। कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि अगर गिरिराज सिंह को हिंदुओं की इतनी ही चिंता है तो उन्हें बांग्लादेश जाकर वहां रह रहे हिंदुओं के हितों की सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए। बिहार में ऐसी यात्रा की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा बताया।
Hindu Swabhiman Yatra:राजनीतिक हलचल और चुनावी माहौल
गिरिराज सिंह की यह यात्रा 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चावन से पहले हो रही है और इसे भाजपा की तरफ से जन समर्थन जताने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। यात्रा ने राज्य में सियासी मोहल्लों को गरमा दिया है, जहां भाजपा और जेडीयू पहले से ही अलग-अलग रास्तों पर चल रहे हैं। यह यात्रा धार्मिक और राजनीतिक रूप से राज्य में गहरा प्रभाव डाल सकती है।
Hindu Swabhiman Yatra: बिहार की राजनीति में गरमा-गर्मी
हिंदू स्वाभिमान यात्रा में बिहार में राजनीति को गर्म कर दिया है। जेडीयू और कांग्रेस ने इस यात्रा की निंदा की है लेकिन भाजपा इसे हिंदू समाज के लिए जरूरी कदम बता रही है। ऐसे में यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व व्यक्ति है बल्कि 2025 के चुनाव के मदे नजर राजनीतिक तौर पर भी अहम मनी जा रही हैं।