उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने ही सांसदों और विधायकों को कड़ा संदेश दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने साफ शब्दों में कहा कि यदि SIR को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो जिन सीटों पर 100 से 500 वोटों के अंतर से जीत मिली थी, वहां हार तय मानी जाए। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संगठन के मंच से SIR कार्य की रिपोर्ट सार्वजनिक कर लापरवाह क्षेत्रों को बेनकाब किया।
तरुण चुघ की दो टूक: SIR नहीं तो राजनीति खत्म
राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने सांसदों-विधायकों को नसीहत के साथ चेतावनी देते हुए कहा कि SIR केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसका असर आने वाले 20 वर्षों तक चुनावी परिणामों पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि जो नेता अभी SIR में पूरी ताकत लगाएगा, वही लंबे समय तक विधानसभा और संसद तक पहुंच बनाए रख सकेगा। वहीं, जो इस प्रक्रिया को नजरअंदाज करेगा, उसके लिए आगे चुनावी रास्ता मुश्किल हो जाएगा।
तरुण चुघ ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन्हें चुनाव नहीं लड़ना है, वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी को पहले ही सूचित कर दें, लेकिन SIR के नाम पर पार्टी के साथ कोई भी लापरवाही या धोखा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
100–500 वोट वाली सीटों पर सबसे बड़ा खतरा
तरुण चुघ ने चेताया कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में जीत का अंतर बेहद कम रहा है, वहां SIR पर फोकस नहीं किया गया तो परिणाम उलट सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि मतदाताओं के नाम कट गए या जुड़ नहीं पाए, तो चुनाव जीतना नामुमकिन हो जाएगा। इसलिए अभी वोट बैंक की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
योगी ने खोली विधायकों की पोल
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित SIR की दूसरी चरण की कार्यशाला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन विधानसभा क्षेत्रों की सूची सार्वजनिक की, जहां SIR का काम कमजोर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार,
- लखनऊ कैंट (डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का क्षेत्र) में शिफ्टेड मतदाताओं की संख्या अधिक पाई गई।
- आगरा दक्षिण (उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय) में मिसिंग वोटर्स की संख्या चिंताजनक रही
सीएम ने साफ किया कि कई विधानसभा क्षेत्रों में अब भी 15 से 20 प्रतिशत तक मतदाताओं के नाम सूची से गायब हैं।
योगी ने SIR को लेकर दी हिदायतें
अधिक से अधिक आपत्तियां दर्ज कराएं
सीएम ने शिफ्टेड, लापता और मृतक मतदाताओं की टॉप-25 विधानसभा सूची कार्यकर्ताओं के सामने रखी। उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर तक नाम जोड़ने का मौका है, इसलिए हर बचे हुए मतदाता का नाम सूची में शामिल कराया जाए।
आपत्ति लगते ही कटेगा नाम
योगी ने कहा कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में संदिग्ध नामों पर तुरंत आपत्ति लगाई जाए। आपत्ति के बाद नाम स्वतः कट जाएगा और दोबारा जोड़ने के लिए संबंधित व्यक्ति को शपथ पत्र व दस्तावेज देने होंगे।
बूथ मैनेजमेंट पर खास फोकस
सीएम ने कहा कि जिन बूथों पर मुस्लिम मतदाता ज्यादा और हिंदू मतदाता कम हैं, वहां बूथ रेशफल पर विचार किया जाए, क्योंकि मतदान व्यवहार में असंतुलन देखने को मिलता है।
मनकापुर का उदाहरण
योगी ने गोंडा की मनकापुर विधानसभा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां 3 से 5 प्रतिशत बुजुर्गों को मृत दिखा दिया गया, जो वास्तविकता से मेल नहीं खाता।
SIR को लेकर BJP संगठन में नाराजगी
इससे पहले शनिवार को यूपी भाजपा मुख्यालय में हुई बैठक में भी सीएम योगी ने SIR को लेकर असंतोष जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि सपा कार्यकर्ता इस प्रक्रिया में सक्रिय हैं, जबकि भाजपा के कई कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर निष्क्रिय नजर आ रहे हैं।
फॉर्म 7 और 8 की ट्रेनिंग
कार्यशाला में पार्टी पदाधिकारियों को SIR के तहत फॉर्म-7 और फॉर्म-8 भरने का प्रशिक्षण दिया गया। इन्हीं फॉर्म्स के जरिए मतदाता सूची में दावा और आपत्ति दर्ज की जा सकती है। अब जिलाध्यक्ष अपने-अपने जिलों में इसी तरह की ट्रेनिंग आयोजित करेंगे।
कई सांसद-विधायक रहे नदारद
इतनी अहम कार्यशाला के बावजूद बड़ी संख्या में सांसद और विधायक मौजूद नहीं रहे। बैठक में केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, हेमा मालिनी, स्मृति ईरानी, संजीव बालियान समेत कई बड़े नाम अनुपस्थित रहे, जिस पर संगठन की चिंता और बढ़ गई है।
