नए साल से पहले उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अब लघु और सीमांत किसानों को उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक (LDB) के जरिए केवल 6 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। पहले इस ऋण पर किसानों को करीब 11.50 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता था। ब्याज की शेष राशि राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत बड़ा फैसला
यह घोषणा मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के समापन अवसर पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित युवा सहकार सम्मेलन एवं यूपी को-ऑपरेटिव एक्सपो-2025 के उद्घाटन समारोह के दौरान की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक व्यवस्था नहीं, बल्कि आपसी विश्वास, सामाजिक संतुलन और आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार है।
सहकारिता को मिला राष्ट्रीय स्तर पर नया बल
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर देश में पहली बार सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ, जिससे इस क्षेत्र को नई पहचान मिली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता आंदोलन को संस्थागत मजबूती और पारदर्शिता मिली है।
उन्होंने बताया कि दुनिया की लगभग एक-चौथाई सहकारी संस्थाएं भारत में हैं, जिनसे 30 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। बीते 11 वर्षों में तकनीक, डिजिटलीकरण और ई-गवर्नेंस के जरिए सहकारिता क्षेत्र में भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था विकसित हुई है।
MPACS से बढ़ी सदस्यता और पूंजी
बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (MPACS) के माध्यम से वित्तीय समावेशन को गति मिली है। सितंबर से नवंबर 2025 के बीच चले सदस्यता अभियान में
- 24 लाख नए सदस्य जुड़े
- 43 करोड़ रुपये का शेयर कैपिटल जुटाया गया
इसी दौरान जिला सहकारी बैंकों में
- 2 लाख नए खाते खुले
- 550 करोड़ रुपये की नई जमा राशि जोड़ी गई
2017 से पहले डिफॉल्टर, अब मुनाफे में बैंक
मुख्यमंत्री ने 2017 से पहले की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय 16 जिला सहकारी बैंक डिफॉल्टर घोषित हो चुके थे। सुधारात्मक कदमों और समय पर उपचार के बाद अब सभी बैंक स्वस्थ स्थिति में हैं और लाभ कमा रहे हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में सहकारी बैंकों ने 162 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा अर्जित किया है। यूपी स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक को नाबार्ड से ‘A’ श्रेणी बैंक का दर्जा मिला है और इसकी 40 शाखाएं संचालित हो रही हैं।
‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन को-ऑपरेटिव बैंक’ की ओर यूपी
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश कभी ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया’ के लिए जाना जाता था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन को-ऑपरेटिव बैंक’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है। बलरामपुर में नए जिला सहकारी बैंक की स्थापना की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
MPACS को ब्याज मुक्त ऋण और रिकॉर्ड कारोबार
मुख्यमंत्री ने बताया कि
- MPACS को 10 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण दिया जा रहा है
- इसे आगे बढ़ाकर 15 लाख रुपये तक करने की तैयारी है
- 6760 MPACS को उर्वरक व्यवसाय के लिए ब्याज-मुक्त ऋण मिला
MPACS ने अब तक
- 6400 करोड़ रुपये का कारोबार 191 करोड़ रुपये का मुनाफा
कमाया है। - 161 MPACS पर जनऔषधि केंद्र भी खोले जा चुके हैं।
सहकारिता ही समावेशी विकास का रास्ता: सुरेश प्रभु
कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पूंजीवाद की सीमाएं सामने आ रही हैं और सहकारिता ही समावेशी विकास का सबसे प्रभावी मॉडल है।
उन्होंने कहा कि सहकारिता के जरिए GDP और प्रति व्यक्ति आय दोनों बढ़ाई जा सकती हैं। उत्तर प्रदेश में बांस आधारित उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं, जिससे रोजगार सृजन के साथ पर्यावरण संरक्षण भी संभव है।
डीएम और युवा उद्यमी सम्मानित
कार्यक्रम में
- महाराजगंज के डीएम संतोष कुमार शर्मा
- वाराणसी के डीएम सत्येंद्र कुमार
को MPACS में सर्वाधिक सदस्य जोड़ने के लिए सम्मानित किया गया।
इसके अलावा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, सीएम युवा, नमो ड्रोन दीदी योजना के लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र और सम्मान प्रदान किए गए।
जिला सहकारी बैंकों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले महराजगंज, शाहजहांपुर, उन्नाव और मेरठ के अधिकारियों को भी सम्मान मिला।
