Rivers Flood: पटना बिहार की तीन प्रमुख नदियां बाढ़ की अवधि में सुख गई है जो चिंताजनक है। इस महीने की शुरुआत में ज्यादा नदिया का जल स्तर इतना काम हो गया कि उसे माप नहीं जा सकता। कोसी जैसी नदियों में भी अक्टूबर में डेल्टा बनने की स्थिति बन गई है, जो की मानसून के खत्म होने के 1 महीने के भीतर हुआ है। सामान्यतः बाढ़ की अवधि 31 अक्टूबर तक मानी जाती है लेकिन इस बार नदियों का सूखना अक्टूबर के मध्य में ही शुरू हो गया है।
Rivers Flood: भूजल स्तर में तेज गिरावट नया संकट
बिहार में यह पहली बार हुआ है की बाढ़ अवधि में ही नदी का जलस्तर गंभीर रूप से घटा है। इस स्थिति में नदियों के आसपास के क्षेत्र में भूल जाने स्टार भी तेजी से गिर गया है। राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार तीन नदियां पूरी तरह से सूख चुकी है जबकि 11 नदियों में पानी मापने लायक भी नहीं रह गया है कई स्थानों पर केवल गली सात ही बची है जबकि पानी गेज स्थल के नीचे जा चुका है।
Rivers Flood: रिकॉर्ड बारिश के बावजूद सूख गई नदियां
इस वर्ष बिहार में नदियों में भरपूर पानी आया था और कोसी तथा गंडक के दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था जल संसाधन विभाग की हालिया रिपोर्ट में यह बताया गया है कि एक महीने के भीतर जलस्तर में 100 मीटर से अधिक की कमी आ गई है. उदाहरण के लिए रोहतास जेल की अवसने नदी में 1 अक्टूबर को 102 मीटर पानी था लेकिन अब उसमें मापने योग्य पानी नहीं बचा है इसी तरह गांव नदी और सकरी नदी भी सूख चुकी है।
Rivers Flood: विशेषज्ञों की चेतावनी नदियों का सूखना जारी रहा तो
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर नदियों का सूखना इसी तरह जारी रहा तो भविष्य में कई और नदियों के सूखने का खतरा है। यह स्थिति राज्य के जल संसाधनों पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है सरकार ने इस संकट की जांच का निर्णय लिया है जिस की स्थिति को ठीक किया जा सके।
बिहार की नदियों के स्वास्थ्य में आई इस गिरावट ने प्रदेश में जल संकट को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।