राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश सरकार ने भी पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणा की

फाइल फोटो।

Ex Agniveer: विपक्षी दलों के अग्निपथ योजना को खत्म करने की मांग पर अड़े होने के बीच राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश भी उन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण या वरीयता देने की घोषणा की।

कई राज्यों ने की घोषणा

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, ओडिशा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने शुक्रवार को इसी तरह के प्रोत्साहन की घोषणा की थी। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सेना में अग्निवीर के रूप में सेवाएं देने वाले युवाओं को राज्य पुलिस, जेल प्रहरी और वनरक्षक भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, “मुख्यमंत्री शर्मा ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर सेना के अग्निवीरों के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि समर्पण और राष्ट्र भक्ति की भावना से देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले अग्निवीरों के लिए राजस्थान सरकार ने राज्य पुलिस, जेल प्रहरी और वनरक्षक भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया है।”

बयान के अनुसार, शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार के इस फैसले से अग्निवीरों को देश की सेवा के बाद राज्य में भी काम करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, इन सेवाओं में अग्निवीरों के लिये आरक्षण के प्रतिशत का खुलासा नहीं किया गया है।

अरुणाचल सरकार ने की घोषणा

वहीं, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने घोषणा की है कि उनकी सरकार स्थानीय युवाओं को अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगी तथा सेवानिवृत्त अग्निवीरों को राज्य की पुलिस, आपातकालीन एवं अग्निशमन सेवाओं में भर्ती के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी।

खांडू ने कहा कि यह परिवर्तनकारी पहल अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को देश की सेवा करने में सक्षम बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश सरकार स्थानीय युवाओं को अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर के रूप में भर्ती के लिए तैयार करने के मकसद से प्रशिक्षण देगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के सेवानिवृत्त अग्निवीरों को अरुणाचल प्रदेश पुलिस, राज्य बटालियन और आपातकालीन एवं अग्निशमन सेवाओं में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।’’
ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को राज्य की वर्दीधारी सेवाओं में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत कोटा और आयु में पांच वर्ष की छूट की घोषणा की थी।

यूपी में भी मिलेगा आरक्षण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सेवानिवृत्त ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षण की घोषणा किए जाने के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को दोहराया कि वह सत्ता में आते ही सैनिकों की भर्ती की इस अल्पकालिक ‘अग्निपथ योजना’ को 24 घंटे में रद्द कर देंगे।

अखिलेश यादव ने हाल में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान अपनी लगभग सभी रैलियों में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) के सत्ता में आने पर ‘अग्निवीर’ भर्तियों को रद्द करने का वादा किया था।
उन्होंने शनिवार को भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘सत्ता में आते ही 24 घंटे में (अग्निपथ योजना) रद्द होगी।
उन्होंने इसे ‘‘देश की सुरक्षा से समझौता करने वाली और सैनिकों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली भर्ती’’ योजना बताया।
उन्होंने सेना में भर्ती की पुरानी प्रक्रिया को बहाल किए जाने की मांग करते हुए कहा, ‘‘‘अग्निवीर’ पर यही मांग हमारी, पुरानी भर्ती की फिर हो बहाली।’’

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि सेवानिवृत्त अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी बल (प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी) में महत्व (वेटेज) दिया जाएगा।

साय सरकार ने खोला पिटारा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य के अग्निवीरों को भारतीय सेना में अपनी सेवा पूरी करने के बाद पुलिस कांस्टेबल और वन एवं जेल प्रहरियों की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी कहा था कि उनकी सरकार सशस्त्र पुलिस के साथ-साथ राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपी) की भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देगी।

मोहन यादव ने की बड़ी घोषणा

वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में अग्निवीरों को कोटा प्रदान करने की घोषणा की थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सशस्त्र बलों में सेवा देने के बाद लौटने पर अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा की थी।

पिछले सप्ताह हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने कांस्टेबल, वन रक्षकों और जेल वार्डन की भर्ती के साथ-साथ अन्य पदों पर अग्निवीर के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की बुधवार को घोषणा की।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी कहा था कि ग्रुप बी और ग्रुप सी में सिविल पदों के लिए भर्ती में अग्निवीर को ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा था, ‘‘हालांकि, अग्निवीर के पहले बैच के लिए यह आयु सीमा में यह छूट पांच साल होगी।’’

सैनी ने कहा था कि उनकी सरकार ग्रुप सी में सिविल पदों के लिए सीधी भर्ती में अग्निवीर को पांच प्रतिशत और ग्रुप बी में एक प्रतिशत आरक्षण प्रदान करेगी। ग्रुप बी राज्य सरकार में राजपत्रित पदों को संदर्भित करता है, जबकि ग्रुप सी में क्लर्क जैसे गैर-राजपत्रित पद शामिल हैं।

पूर्व अग्निवीरों को मिलेंगे कई लाभ

सैनी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘राज्य सरकार द्वारा कांस्टेबल, खनन रक्षक, वन रक्षक, जेल वार्डन और विशेष पुलिस अधिकारी के पदों पर की जाने वाली सीधी भर्ती में अग्निवीर के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण होगा।’’
सैनी ने कहा था, ‘‘अगर कोई औद्योगिक इकाई अग्निवीर को 30,000 रुपये प्रति माह से अधिक वेतन पर नियुक्त करती है, तो हमारी सरकार उस इकाई को 60,000 रुपये की वार्षिक सब्सिडी देगी।’’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि यदि कोई अग्निवीर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो सरकार उसे पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराएगी। केंद्र सरकार ने साल 2022 में थलसेना, नौसेना और वायुसेना में 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की भर्ती के लिए महत्वाकांक्षी ‘अग्निपथ योजना’ शुरू की थी, जिसमें मोटे तौर पर चार साल के अनुबंध के तहत भर्ती का प्रावधान है। इस योजना के तहत भर्ती होने वालों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा।

चार वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रत्येक बैच से 25 प्रतिशत अभ्यर्थियों को नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों या अर्धसैनिक बलों में भर्ती के दौरान 10 प्रतिशत रिक्तियां पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगी। कई राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने पुलिस बलों में सेवानिवृत्त अग्निवीरों की भर्ती के लिए इसी तरह की घोषणा की है।

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