Pollution:गाजियाबाद में सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। बुधवार को गाजियाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में नंबर एक पर रहा। यहां पर और क्वालिटी इंडेक्स एक 275 रिकॉर्ड किया गया। जो खराब श्रेणी में आता है ।ग्रेटर नोएडा एक का AQI 271 रहा हैं। पर्यावरणविदों का कहना है, कि यदि प्रदूषण का यही हाल रहा तो सर्दियों में स्थिति और खराब हो जाएगी जब परली जलने का प्रभाव भी शुरू होने लगेगा।
Pollution:सड़क की धूल मुख्य कारण
आईआईटी कानपुर के रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण सड़कों पर उठने वाले धूल से होता है। गाजियाबाद में भी यही समस्या देखने को मिल रही है यहां की सड़कों में गढ़े हैं, जिससे वाहनों के गुजरने पर धूल उड़ती है यह समस्या प्रदूषण को प्रमुख कारण है।
Pollution:टूटी सड़के और वाहनों का धुआं
पर्यावरणविद् आकाश वरिष्ठ का कहना है की टूटी सड़कों पर वाहन चलाते समय लोग ब्रेक और क्लच का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, जिसे अधिक धुआं निकलता है इससे म 10 और पीएम 2.5 की मात्रा हवा में काफी बढ़ जाती है। रिपोर्ट के अनुसार पीएम 10 की मात्रा 96% और पीएम 2.5 की मात्रा 38% तक होती है जो प्रदूषण का मुख्य कारण है।
Pollution:हवा की स्थिति और प्रदूषण
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार हाल ही में हवा की रफ्तार धीमी हो गई है और एरिया में लो प्रेशर बना हुआ है। जिसके कारण हवा में नमी की मात्रा बढ़ गई है, जिससे सतह पर धूल के कारण चिपक रहे हैं और प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है हवा चलने या बारिश होने पर यह स्थिति सुधर सकते हैं।
Pollution:अवैध फैक्ट्रियों और पुराने वाहनों के कारण प्रदूषण
लोनी देहात क्षेत्र में अवैध फैक्ट्रियों की संख्या अधिक है ,जो प्रदूषण का बड़ा कारण है। इसके साथ ही यहां की टूटी सड़क और 10 15 साल पुराने वाहन भी प्रदूषण बढ़ने में योगदान दे रहे हैं । इस क्षेत्र में चेकिंग कम होने के कारण पुराने और प्रदूषण करने वाले वाहनों का प्रयोग जारी है, जिससे पीएम 10 की मात्रा बढ़ती जा रही है।