India-China border: लद्दाख में भारत और चीन के बीच 4 साल से चल रहे सीमा विवाद का समाधान अब धीरे-धीरे होता दिख रहा है, हाल में ही दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत देप सांग और डेम चोक क्षेत्र में तैनात सीन पीछे हटना शुरू हो गई है। इसके साथ ही दोनों देशों ने अप्रैल 2020 की स्थिति पर लौटने और सीमित क्षेत्र में ग्रस्त करने पर सहमति जताई है जिससे तनाव में कमी आएगी।
India-China border: पेट्रोलिंग पॉइंट्स पर समझौता : तनाव की समाप्ति का प्रयास
दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के बाद देप सांग और डेम चोक मैं पेट्रोलिंग पॉइंट्स पर नया समझौता हुआ है।इसके तहत दोनों सेनन ने टेंट और अस्थाई ढांचे हटा दिए हैं और जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। यह समझौता सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों का हिस्सा है जिसमें जमीनी और हवाई सर्वेक्षण भी शामिल है।
India-China border: BRICS सम्मेलन का प्रभाव और राजनायिक संवाद
BRICS सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद इस समाधान में तेजी आई दोनों नेताओं के बीच हुई। बातचीत में दोनों देशों को विवादित मुद्दों को सुलझाने में सहमति तक पहुंचा है।चीनी विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि की है कि समझौते से सीमा पर स्थिति सामान्य हो सकेगी जो दोनों देशों के संबंधों में नई शुरुआत का संकेत देता है.
India-China border: सैनिक वापसी की प्रक्रिया
28 29 अक्टूबर तक पूरी तरह से पीछे हटने का कार्य संपन्न हो जाएगा।इस कदम के साथ ही सीमा क्षेत्र में तनाव घटने की उम्मीद है जिससे भविष्य में गलवान जैसी घटनाएं को रोकने में मदद मिलेगी।
इस समझौते से दोनों देशों के बीच सीमावर्ती स्थिरता और सामान्य संबंधों की बहाली की दशा मै अहम कदम बढ़ाया गया है।