BAS: बसों में महिलाएं असुरक्षित,सीट विवाद और सुरक्षा उपकरणों की कमी का खुलासा

BIHAR:वर्तमान समय में, जब महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, उनके सुरक्षा को लेकर प्रश्न उठना एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। हाल ही में, यह सामने आया है कि सार्वजनिक बसों में महिलाएं असुरक्षित यात्रा करने को मजबूर हैं, क्योंकि इनमें न तो इमरजेंसी बटन है और न ही लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस।

रिपोर्ट ने बताया महिलाएं हैं असुरक्षित

आपको बता दे की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि सार्वजनिक बसों में महिलाएं असुरक्षित यात्रा कर रही हैं क्योंकि इन बसों में न तो इमरजेंसी बटन है और न ही लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस।अब आप भी सोच रहे होंगे की ऐसे qमें जब हर रोज किसी न किसी महिला के साथ दुर्घटना की  खबरे दिखाने को मिलती है ऐसे में ये बसे महिलाओ के लिए कितनी सेफ हैं।इमरजेंसी बटन महिलाओं को जरूरत में तुरंत मदद मांगने की सुविधा देता है, जबकि लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस से यह देखता है कि बसें सही मार्ग पर चल रही हैं और यात्रियों की सुरक्षा की जा रही है। इन सुविधाओं की कमी के कारण महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ उठ रही हैं। आजकल की इस समय में सरकार की यह आचुकता बिल्कुल भी शि नहीं है।

 बस में सीट को लेकर हुआ बड़ा बवाल

हाल ही में, सार्वजनिक बसों में महिलाओं के साथ सीट को लेकर बढ़ती नोकझोंक और विवादों की खबरें सामने आई हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब बसों में पर्याप्त सीटें उपलब्ध नहीं होतीं या जब कुछ पुरुष यात्री महिलाओं को उनकी सीट से हटा देते हैं।हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई बसों में महिलाएं अक्सर खड़ी रहने पर मजबूर होती हैं, खासकर सुबह और शाम की पीक आवर्स में। सीटों की कमी और भीड़-भाड़ के कारण महिलाओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते कई बार विवाद उत्पन्न हो जाते हैं।इस समस्या का एक बड़ा कारण बसों की अपर्याप्त क्षमता और खराब प्रबंधन भी है। जबकि कुछ बसों में महिलाओं के लिए विशेष सीटें निर्धारित की गई हैं, कई बार इन सीटों पर पुरुष यात्री बैठ जाते हैं, जिससे महिलाओं को असुविधा होती है और विवाद उत्पन्न होते हैं

 फेडरेशन पर जिलाअध्यक्ष मुकेश कुमार ने किया बस ऑपरेटरों को प्रेरित

हाल ही में, जिले के प्रमुख बस ऑपरेटरों की बैठक में जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार ने महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि फेडरेशन अब बस ऑपरेटरों को प्रेरित करने के लिए विशेष प्रयास करेगा ताकि सार्वजनिक परिवहन की गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार हो सके।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फेडरेशन बस ऑपरेटरों को न केवल नए सुरक्षा मानक अपनाने के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराएगा ताकि वे अपने कार्य में सुधार कर सकें। इसके अतिरिक्त, मुकेश कुमार ने बसों की मरम्मत और रखरखाव पर विशेष ध्यान देने की बात भी की, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सके।

मुकेश कुमार ने कहा,­”हमारा लक्ष्य है कि सभी बसों में इमरजेंसी बटन और लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। साथ ही, महिलाओं की विशेष सुरक्षा और आराम की दिशा में भी काम किया जाएगा।”

मुकेश कुमार के द्वारा दिये गये बयान से ये कहा जा सकता हैं की सायद भविष्य में महिलाओ की सुरक्षित स्थति दखने को मिल सकती हैं।

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *