Bihar politics :बिहार के नेता पशुपति कुमार पारस कों एक बड़ा झटका लगा है। मंत्री पद की कुर्सी और सांसद की सीट गवाने के बाद अब पटना में उनका कोई ठिकाना नहीं बचा है। वह बांगला, जिस पर कभी उनका दबदबा था, अब उनके हाथ से निकल चुका हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर सरकारी बगला, जिसे पारस ने अपने कब्जे में किया था, अब खाली हो चुकी हैं।
Bihar politics : क्या कोशिशे भी बेकार हुई साबित?
पारस ने बंगला बचाने के लिए हर तरीका अपनाया। दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से लेकर पटना हाईकोर्ट तक, उन्होंने हर दरवाजा खटकटाया। लेकिन क्या हुआ? अमित शाह ने उनकी अपील कों नजरअंदाज कर दिया और हाईकोर्ट ने दो सप्ताह पहले ही उनकी याचिका ख़ारिज कर दी।
Bihar politics : राज्य सरकार ने किया बड़ा फैसला
13 जून 2024 को लोक जनशक्ति पार्टी को आवंटित इस बंगले को बिहार सरकार ने रद्द कर दिया। वास्तव में, पारस की पार्टी को कोई विधायक या सांसद नहीं बचा, जिससे उनकी पार्टी की अनुमति भी खत्म हो गई। सरकार ने फिर बंगला खाली करने का आदेश दिया।
Bihar politics : क्या होगा अब?
राज्य सरकार ने अब इस बंगले को खाली करवा लिया है और पारस को अब अपनी राजनीतिक पहचान को फिर से बनाने के लिए और भी कठिन रास्ते तय करने होंगे। पटना के सरकारी बंगले से उनका हाथ खींचे जाने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या बिहार की राजनीति में उनका भविष्य अब और भी अंधेरे में है?