UP:लखनऊ में कलेक्शन एजेंट से हुई लूट के मामले में पुलिस ने व्यापक और गहन जांच के बड़ा खुलासा किया है। यह घटना स्थानीय लोगों के बीच डर और असुरक्षा की भावना को बढ़ाने वाली थी लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
UP:बड़ी साजिश का हुआ खुलासा
इस लूटकांड की साजिश उस कलेक्शन एजेंट के घायल दोस्त ने रची थी। प्रारंभिक जांच के सामने आया कि यह दोस्त अपने मित्र को नुकसान पहुंचाने के लिए पहले से योजना बना चुका था । उसकी मानसिक और मंशा ने इस लूट को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिससे स्पष्ट होता है कि आपराधिक मांसा कितनी गंभीर थी
UP:सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग
पुलिस ने लगभग 24 घंटे में 500 के करीब CCTV फुटेज की जांच की जिससे कई महत्वपूर्ण सुराग मिले । इस फुटेज की सहायता से पुलिस ने लूट की योजना और घटना स्थल पर मौजूद संदिग्धो की पहचान कर ली। इसे साफ होता है की आधुनिक तकनीक किस तरह से अपराध को उजागर करने मददगार साबित हो रहा है।
UP:गिरफ्तारी की कार्यवाही
लखनऊ पुलिस ने नवल किशोर यादव, सर्वेश यादव और विमल कुमार को असहले के साथ गिरफ्तार किया। यह सभी घटना के दिन से ही फरार थे,लेकिन सीसीटीवी फुटेज और सूचना के आधार पर पुलिस उन्हें पकड़ने मैं सफल रही । उनकी गिरफ्तारी से मामले की सच्चाई भी उजागर हुई है और स्थानीय पुलिस ने राहत की सास ली है।
UP:कहां से आए हथियार ,क्या था इनका स्त्रोत
लूट में इस्तेमाल की गई पिस्तौल आगरा से खरीदी गई थी जो इस वारदात को और भी संगीत बनाते हैं पुलिस ने इस हथियार की खरीदी और इस्तेमाल के पीछे के कर्म की जांच शुरू कर दी है ताकि ऐसे अपनी अपराधो को भविष्य में रोका जा सके।